________________ बंगलोर -- श्री हिन्दी शिक्षण संघ एवं श्री जैन शिक्षा समिति के तत्वावधान में श्री जोधराज जी सुराणा का अभिनन्दन समारोह दिनांक 21.11.93 को बंगलोर में सम्पन्न हुआ। विद्वानों द्वारा इस कार्यक्रम में आ. सुराणा जी का जीवन परिचय एवं समाज को उनके योगदान की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। सुराणाजी जैसे विद्वान का सम्मान हमारे लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर हम सुराणा जी के दीर्घायु होने की कामना करते हैं ताकि वे समाज व धर्म की अधिकाधिक सेवा कर सकें। भीलवाड़ा -- आचार्य श्री देवेन्द्रमुनिजी महाराज का जन्म दिवस समारोह धनतेरस के पर्व पर दिनांक 11.11.93 को भीलवाड़ा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर अनेक श्रमणों ने आचार्यश्री के सम्बन्ध में अपने उदगार व्यक्त किया साथ ही भीलवाड़ा के जैन समुदाय की ओर से सवा घण्टे तक सामूहिक नवकार महामंत्र का जाप भी किया गया। इस समारोह में आचार्यश्री ने तन, मन की वैचारिक और आध्यात्मिक सभी प्रकार की दरिद्रता को समाप्त करने का उपदेश दिया। श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, भीलवाड़ा की ओर से विद्वान एवं प्रबुद्ध चिन्तक, साहित्य मनीषी डॉ. नरेन्द्र भाणावतजी की स्मृति में एक श्रद्धांजली सभा आयोजित की गयी। डॉ. भाणावतजी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए संघ के अध्यक्ष श्री सेमेरमल मेड़तियाजी ने कहा कि भाणावतजी के चिन्तन से समाज में नई चेतना की लहर व्याप्त हो गयी थी। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी दिवंगत आत्मा के प्रति अपनी श्रद्धांजली अर्पित की। जोधपुर -- जोधपुर में दिनांक 31.10.93 से 7.11.93 तक आठ दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुए जिसमें आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी म. का 63वा, महास्थविरा श्री गौराजी महाराज का 88वाँ एवं साध्वी शिरोमणि स्व. श्रीपन्नादेवी जी महाराज का 103वाँ जन्मदिवस कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर ध्यान शिविर, भक्तामरस्तोत्र का 24 घण्टे का अखण्ड जाप एवं नवकार महामंत्र के जाप का अनुष्ठान भी किया गया। भीलवाड़ा -- उपाध्याय श्री पुष्करमुनिजी म. की जन्म जयन्ती का कार्यक्रम 21 अक्टूबर को भीलवाड़ा में सम्पन्न हुआ। इस पावन अवसर पर अनेक विद्वानों द्वरा उपाध्यायश्री के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। इस अवसर पर आचार्यश्री के बरा लिखित कर्मविज्ञान ग्रन्थ भाग 5 तथा आचार्य श्री की अन्य पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। सेठ रसिक लाल जी धारीवाल बरा "पुष्कर गुरु महिमा" नामक आडियो कैसेट का लोकार्पण भी इस समारोह में किया गया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org