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जैन जगत्
श्री सरदारमल जी कांकरिया का अभिनन्दन
जैन सभा के सभाभवन में दिनांक ३ अप्रैल को प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता श्री भंवरलालजी नाहटा की अध्यक्षता में देशभर से पधारे विद्वानों की संगोष्ठी सम्पन्न हुई। संगोष्ठी में 'राष्ट्रीय अस्मिता और मूल्यों का संकट' विषय पर विद्वानों ने सारगर्भित विचार प्रकट किये। डॉ. भानावत, जयपुर विषय-प्रवर्तन किया और डॉ. सागरमल जैन, वाराणसी ने विषय का समाहार किया ।
दिनांक ४ अप्रैल को बिड़ला सभागार में श्री अ. भा. सा. जैन संघ के पूर्व मंत्री एवं जैन सभा के पूर्व मंत्री श्री सरदारमलजी कांकरिया का अभिनन्दन किया गया। समारोह के प्रमुख वक्ता श्री प्रतापचन्द्र (पूर्व शिक्षामंत्री, भारत (सरकार) और प्रमुख अतिथि स्वामी श्री रसज्ञानन्दजी ( मंत्री - रामकृष्ण सेवा मिशन) ने श्री कांकरियाजी की शिक्षा और सेवा यात्रा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभाशीष दिया। इस अवसर पर कलकत्ता एवं बाहर से पधारे गणमान्य लोगों ने अपने विचार प्रकट करते हुए कांकरिया दम्पति का हार्दिक अभिनन्दन किया ।
सौ से अधिक संस्थाओं और सैकड़ों व्यक्तियों ने श्री कांकरिया को माला व मानपत्र भेंट कर अभिनन्दन किया । इस अवसर पर स्वामी श्री रसज्ञानन्दजी ने 'शिक्षा और सेवा के चार दशक' नामक अभिनन्दन ग्रंथ का लोकार्पण किया। अपने अभिनन्दन के प्रत्युत्तर में बोलते हुए श्री कांकरिया ने सेवा कार्यों में सहयोग के प्रति हार्दिक श्रद्धा समर्पित की। कार्यक्रम का संयोजन श्री भूपराजजी जैन ने किया। इस समारोह से प्रेरित हो श्री कांकरिया के अग्रज श्री हरकचन्दजी कांकरिया ने कांकरिया परिवार की ओर से कलकत्ता में जन साधारण हेतु २०० शैयाओं का अस्पताल बनाने के लिए ५१ लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। श्री जैन सभा ने दो करोड़ की लागत से शीघ्र अस्पताल प्रारम्भ करने का संकल्प घोषित किया ।
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