Book Title: Some Distinguished Jains
Author(s): Umrao Singh Tank
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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नम्धसमस्न मिरवद्पविद् पामताधिपार श्रीबदरोदेवी गुरुपदप्रसाद स्ववि मतकुमप्रबोध ने प्राप्त परमयगोवाद म० पाशामिसरि तपोपुमति सूरि । १० मीणान्सिरि । १० पोखरमूरिः । एव ययाकुमम नेक गुणमपिगण रोहणगिरोपां महासूरीणादणे पुन योगातिसूरि । त० पीमुमति सूरितापवासकारहार म० प्रीशान्तिप्रिवराणा मपरि करापा विजयराये । पदपेह ग्रीमेदपाटदेगे। ग्रीसूर्यवंशीयमहारामा भिराम प्रोशिमादित्यवेणे प्रोगुहिदप्तरात प्रीयप्पाफ ग्रोपुम्माणादि महाराजाम्वये । राणा हमीर ग्रोपेतमोह ग्रीसपमसीश पुत्र प्रोमोकास मृगाक गोलपोतकार प्रताप मासंहावतार । प्रासमुद्रमहिमरमान प्रतुत्तमहाबत राणा प्रोकमकर्ण पुत्र राण पोरापमा विमपमान प्राग्य राम्ये । तत्पुत्र महाकुमार ग्रीस्त्रीरामानुगाममात् । पाऊगयगे राय मरारोगोभे राउनमो नापण प्रोम० दवणे में मार मुक्त मेo मार मह । सापुत्राया में सीहा-समदाम्या सांधव में फम्मीधारा मापादिमुकुटर पुमाम्प ग्रीनदफूमावस्या पुपा सं० २६ पीपगोममूरि मेरिकसमानीतायां मं० सायर फारिस देवकुमिफा पहारित मापर माम मोमिमयमस्यां प्रीपादोखरस्य स्पापमा पारिता फसायोगामित सूरि पट्टे देवसुदर इस्यपाशिप्यनाममि 0 पीरखरमूरिभि रमि मधुप्रस्तिरिय नि० सावाय ग्रोवरसूरिया उस्यीय मगधार मोमा केन । गुर्म । THE KAPARDA INSORITION OF
VIK. SAH 1878 (B)संवत् १० वर्षे शासित १५ सियी सोमवार शाती मारामा धिराममहाराजप्रोगमसिहवित्रपराम्पे कमेगको रापतापमताने भारा गारिफगोई अमरापुभानाकेन मार्पामगादे अपरमनारायनामित मोटापौत्रप्ताराचंदवंगार-मैमिदासादिपरिवारमहितम पीकपटक Ed मुपारमाय चैत्ये पीपार्यमाय' मिमूरिपटानकार मोमिनचंद्रमरिमिः सुप्रसनो भव ।

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