Book Title: Sittunja Kappo
Author(s): Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 10
________________ 4 4 * कैलासः -: शुद्धिपत्रकम् :तथाहि-तपागच्छाम्बरादित्याः श्रीमद्देवेन्द्रसूरयः / आसँस्तेषां विनेयास्तु श्रीविद्यानन्दसूरयः // 14 // पृष्ठम् पंक्तिः अशुद्धम् शुद्धम् पृष्ठम् पंक्तिः अशुद्धम् शुद्धम् 2 21 निलय-पुंडरिश्रो निलयं-पुडरीश्रो 26 27 मुक्तिर्य मुक्तिं य 2.26 जत्रो जयउ 31 7 द्रतम् द्रुतम् 3 . शैका 31 10 प्रकृटो प्रकटो 3 12 नंस्थते नश्यते 32 25 ततप्रिये तत्प्रिये 3 20 धनैः धनाद्यः 32 28 दध्यौ दध्यौ 3 26 राज्य राज्यं 33 28/26/30 श्वसुर श्वशुर 4 22 ज्ञान्युदित ज्ञान्युदितं 34 24 त्व 4 25. कुवन् / कुर्वन् 35 10 जातं . ज्ज्ञानं 5 5 वर्ष .. 35 16 कैलाशः 6 23 कुर्वतो कुर्वन्तो 36 28 वरिदा वरिंदा 8 11 बलं चलं 36 17 सुनु सूनु 8.11 पृच्छं चलः पुच्छाञ्चलः 36 24 श्रेष्टया श्रेष्ठया 8.12 वृषा मृषा 36 28 मंत्रि मित्र 8 16 मेदनी मेदिनी 41 17 गजाहि गजादि 11 3 सभीयि समीयि 42 22 मो 115 ध्वजपि ध्वजर्षि 42 26 सम्पूर्णा .11 10 कस्त्व 42 28 धृनियि धूनयि 11 16 रवेच्छया स्वेच्छया 45 6 गुरू 13 26 रुवतं रुक्तं 46 5 कारितः वारितः 1615 तिर्जि तिंज 48 16/23/28 श्रेष्टय श्रेष्ठय 17.19 भहीं महीं 48 28 सूनोव्य सूनोऱ्या 1817 सभा समा 46 24 हस्ता हस्ती 21 1 यन् 50 8 हस्तः हस्ताद् 21 6 प्राप्य प्राप 50 15 उत्तीर्य उत्तार्य 22 13 यथौ 51 8 कमा क्रमा 24 2 न्त दृष्टो न्तहष्टो 51 27 वा-4 चा२४ 14 वलं बल / 52 27 त्वं सु त्व-मु सम्पूर्णाः करत्वं यत् #4.3 4 4 ययों

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