Book Title: Shuklyajurved Madhyamdiniya Samhita
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संहि.पीतये // शंश्योरभिस्रवन्तुन 12 स्योनापृथिवि // नोभवानृक्ष रानिवेशनी // यछानुशर्मसुप्पा१३ आपोहि॥ष्ठामयोभुवस्ता। नऽऊज्जेंदधातन // मुहेरणायुचक्षसे 14 योवशिवतमोरसस्तस्य / भाजयतेहनः॥ उशुतीरिवमातरः 15 तस्म्माऽअरम् // तस्म्मा अरङ्गमामवीयस्युक्षयायुजिन्वथा|आपोजुनयथाचन 16[16] धौशान्तिः // द्यौशान्तिरन्तरिक्ष शान्ति पृथिवीशान्तिरापाशा न्तिरोषधयुद्धशान्तिः // धनुस्प्पतयुद्धशान्तिर्विश्वेदेवा शान्तिब्रहम शान्तिःसर्वशान्तिःशान्तिरेवशान्तिसामाशान्तिरेधि१७ तेव्ह मामित्रस्य॑माचक्षुषासर्वाणिभूतानिसमीक्षन्ताम् // मित्रस्याहञ्चक्षु For Private and Personal Use Only

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