Book Title: Shuddhopayog Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १९८० वि. सं. फाल्गुन पूर्णिमा. www.kobatirth.org खुलासो सुधारो वधारो करवामां आवशे. संस्कृत ग्रन्थोमां जे कंइ अशुद्धियो थइ छे तेनुं अशुद्धि शुद्धिपत्रक करवामां आयुं छे. छापाना घसायला टाइपो वगेरेथी जे स्खलनाओ थइ छे, तेओनो द्वितीयावृत्तिमां सुधारो करवामां आवशे. वीतरागनी आज्ञाविरुद्ध कंह लखायुं होय तेनो संघनी आगळ प्रथमथी मिच्छामिदुक्कडं देवामां आवे छे. श्रीगौतमप्रभुनी अनुपयोगे आनंदश्रावक साथे वातचित करतां भूल थइ तो मारा जेवा पामरनी भूल थाय ते संबंधी म्हने सूचनाओ जेओ करशे तेनो द्वितीया वृत्तिमां सुधारो करवामां आवशे. } Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मु. प्रांतिज. ली. बुद्धिसागर. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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