Book Title: Shuddhopayog Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना. वि. सं. १९७९ नी सालन चोमासु विजापुरमा कयुः चोमासामां शुद्धोपयोग नामनो ग्रन्य लखवामां आव्यो तेमां आध्यात्मिकदृष्टिनी अनेकांत अपेक्षाए मुख्यता छे. ६९ दयाग्रन्थमां दयाना अनेक भेदोनुं वर्णन करवामां आव्युं छे. दयाना अने हिंसाना अनेकप्रकारोनु अनेक नयदृष्टिओनी अपेक्षाए वर्णनकर्यु छे. जेटला दयाना भेदो छे तेटला स्हामा हिंसाना भेदो छे. हिंसा अने अहिंसा अपेक्षाए छे. हिंसानां अने अहिंसानां लक्षणोने अनेकनयदृष्टिए जणाव्यां छे. भजनसंग्रह नवमाभागमां गुजरातीभाषामां श्रेणिकसुबोधग्रन्थ रच्यो छे तेनुं सुधारा वधारा साथे संस्कृत भाषांतर, पद्यमां कयु छे. नोवेलनी दृष्टिए तथा वस्तुतः आध्यात्मिक औपदेशिक दृष्टिए कृष्णगीता. वि.सं. १९७५मां पादरामां चोमासु कयु हतुं ते वखते रची हती. दयाग्रन्थ महुडीमां रच्यो छे. श्रेणिकसुबोधसंस्कृत ग्रन्थ विजापुरना वि. सं. १९७९. ना चोमासामा रचवामा सुधारा वधारा साथे आव्यो छे. भूलचूक दोष वगेरेनो द्वितीयावृत्तिमा सुधारो . करवामां आवशे. सुज्ञो जे कंड सूचनाओ करशे ते संबंधी द्वितीयावृत्तिमां For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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