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श्रुत सागर, माघ २०५५ ग्रंथावलोकन
सभी प्रकार के वाचकों के लिए अवश्य पढ़ने एवं बसाने योग्य तीर्थ मार्गदर्शिकायें शेठ आणन्दजी कल्याणजी, अहमदाबाद तथा श्रुतनिधि, अहमदाबाद ने संयुक्त रूप से गुजरात एवं राजस्थान स्थित जैन तीर्थों से सम्बन्धित नयनरम्य श्वेतश्याम चित्रों से युक्त मार्गदर्शिकाओं के प्रकाशन का प्रशंसनीय कार्य किया है. सात पुस्तकों के एक साथ प्रकाशित सेट की इन मार्गदर्शिकाओं को तीर्थों के अल्पज्ञात ऐतिहासिक तथा कलात्मक पक्षों का भारतीय विद्या के बहुश्रुत विद्वान प्रो. मधुसूदन ढांकी (निदेशक, अमेरिकन इन्स्टिट्यूट ऑफ इण्डियन स्टडीज, वाराणसी) द्वारा विवेचन सहित प्रकाशन तैयार कराया गया है.
इन विवेचनों से पश्चिमोत्तर भारत में जैन धर्म की लोकप्रियता तथा प्रसार की सूचनायें स्पष्ट रूप से ज्ञात होती है. लेखक ने जैन देरासरों के गुजराती भाषा में लिखित इस इतिहास लेखन में शिल्प एवं स्थापत्य के साथ ही अभिलेखो, स्तुति, स्तोत्र, तीर्थ वन्दनादि लघु कृतियों, विधि-विधानों यात्रा वृत्तान्तों आदि का सहारा लिया है. इन प्रकाशनों से इन तीर्थों की अधिकृत ऐतिहासिक सूचनाओं का महत्वपूर्ण संकलन हो सका है. जिसके लिए लेखक तथा प्रकाशक धन्यवाद के पात्र हैं. इन प्रकाशनों का छायांकन उत्कृष्ट है.
इन पुस्तकों का राष्ट्र भाषा तथा अंग्रेजी में अनुवाद करने का भी सम्बन्धित प्रकाशक द्वय विचार करें ऐसा अनुरोध है. निस्संदेह इनके प्रकाशनों से ज्ञान-पिपासुओं के साथ ही धार्मिक जनता को भी अधिकृत जानकारी उपलब्ध होने के साथ ही अतीत के गौरव का स्वाभिमान पूर्वक अनुचिन्तन, दर्शन हो सकेगा.
शेठ आणन्दजी कल्याणजी, झवेरीवाड, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शिकायें : १. आरसीतीर्थ आरासण (कुम्भारियाजी) २. राजर्षि विनिर्मित तारंगातीर्थ ३. महातीर्थ उज्जयन्तगिरि (गिरनारतीर्थ) ४. वरकाणा तीर्थ श्रतनिधि, शाहीबाग अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शिकायें : ५. कलाधाम देलवाडा ६. मेवाडनी तीर्थत्रयी (देलवाडा, केलवाडा अने करहेडानां जिनमन्दिरो) ७. जगविख्यात जेसलमेरतीर्थ
सात पुस्तकों के सेट का मूल्य रू.५५०.००, प्राप्ति स्थान : (१) शेठ आणन्दजी कल्याणजी, झवेरीवाड, अहमदाबाद (२) शारदाबेन चीमनलाल एजुकेशनल रीसर्च इन्स्टिच्यूट, दर्शन, शाहीबाग, अहमदाबाद
कोबा में महावीरालय की वर्षगांठ तथा भव्य दीक्षा महोत्सव शनिवार, माघ सुदि १४, वि. २०५५ तदनुसार ३०.०१.९९ के शुभ दिन श्री महावीर जैन आराधना केन्द्रकोबा स्थित महावीरालय की बारहवीं वर्षगांठ प.पू. शिल्पशास्त्रज्ञ आचार्य श्री कल्याणसागरसूरीश्वरजी म.सा. व आपश्री के शिष्य राष्ट्रसंत आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में मनाई जाएगी. इसी दिन यहाँ तीन बालब्रह्मचारी मुमुक्षुओं की भागवती प्रव्रज्या होगी. जिसमें श्री हेमन्तकुमार, श्री विजय कुमार एवं श्री उत्पल कुमार इस असार संसार का त्याग कर प्रभु महावीर के पथ पर अग्रसर होंगे.
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