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श्रुतसागर
अप्रैल-२०१९ इसके परिसर में आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर की स्थापना करवाई, जहाँ आज धर्म, आराधना और ज्ञान-साधना की एकाध प्रवृत्ति ही नहीं वरन् अनेकविध ज्ञान और धर्म-प्रवृत्तियों का महासंगम हो रहा है । आज आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर अनेकविध प्रवृत्तियों में अपनी निम्नलिखित शाखाओं-प्रशाखाओं के सत्प्रयासों के साथ धर्मशासन श्रुतसंरक्षण की सेवा में योगदान दे रहा है।
राष्ट्रसन्त आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. ने अपनी भारत-भर की पदयात्रा के दौरान, छोटे-छोटे गाँवों में जा-जाकर लोगों को प्रेरित कर असुरक्षित, उपेक्षित एवं नष्ट हो रही भारतीय संस्कृति की इस अमूल्य निधि को एकत्र किया। यहाँ इस अमूल्य ज्ञान-सम्पदा को विशेष रूप से निर्मित व ऋतुजन्य दोषों से मुक्त कक्षों में संरक्षित किया गया है तथा क्षतिग्रस्त प्रतियों को रासायनिक आदि प्रक्रिया से सुरक्षित किया जा रहा है। ___ ज्ञानमंदिर में लगभग २,००,००० से अधिक प्राचीन दुर्लभ हस्तलिखित ग्रंथ तथा ३,००० से अधिक प्राचीन व अमूल्य ताडपत्रीय ग्रंथ संगृहीत है। इनमें आगम, न्याय, दर्शन, योग, व्याकरण, इतिहास आदि विषयों से संबंधित अद्भुत ज्ञान का सागर है। इन हस्तप्रतों का डिजीटल स्केनिंग हो रहा है। अभी की वर्तमान स्थिति में हस्तप्रत १,२६,०१० व गोटका प्रत ६८७ को मिलाकर कुल १,२६,६९७ हस्तप्रतों के ४५,४८,१८२ पत्रों का स्केनिंग हो चूका है। इसके अतिरिक्त २५ अन्य ज्ञानभंडारों की ४,५६४ हस्तप्रतों के ९,३२,६४६ पृष्ठों के झेरोक्ष तथा ५ ज्ञानभंडारों की ९६ माइक्रोफिल्म के रोल भी उपलब्ध हैं। इतना विशाल संग्रह किसी भी ज्ञानभंडार के लिए गौरव का विषय हो सकता है। हस्तप्रत सूचीकरण
इस भांडागार में संरक्षित प्राचीन व दुर्लभ हस्तप्रतों में से वर्तमान में जैन हस्तप्रतों के सूचीकरण का कार्य चल रहा है, जिसे कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूची' नाम से प्रकाशित किया जाता है। अद्यावधि कुल २७ भागों में १,२४,०२५ नंबर तक की कुल ८३,१४९ जैन प्रतों की सूचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। इस सूचीकरण कार्य को लगभग ५०-५५ भागों में प्रकाशित करने की योजना है । इस सूचीकरण की अवधारणा को और विकसित करने में तथा ग्रंथालय विज्ञान की प्रचलित प्रणालियों के स्थान पर महत्तम उपयोगिता व सूझबूझ का उपयोग कर यहाँ के पंडितवों, प्रोग्रामरों तथा कार्यकर्तागण श्रुतसेवी व श्रुतोद्धारक आचार्य श्री अजयसागरसूरीश्वरजी म. सा. के मार्गदर्शन में अपनी शक्तियों का यथासंभव महत्तम उपयोग कर रहे हैं।
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