Book Title: Shrutsagar 2016 02 Volume 02 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ग्रन्थ समीक्षा The Real Universe (सर्वज्ञ कथित विश्व व्यवस्था) डॉ. हेमन्तकुमार संपादक : मुनि श्री चारित्ररत्नविजयजी, प्रकाशक : जिनगुण आराधक ट्रस्ट, मुंबई, प्रकाशन वर्ष : विक्रम संवत २०६८ विषय : जैनसिद्धांत के अनुरूप भूगोल-खगोल आदि की विस्तृत एवं तथ्यपरक सूचनाएँ. परम पूज्य मुनि श्री चारित्ररत्नविजयजी महाराज साहब ने क्षेत्रानुयोग के समस्त उपलब्ध साहित्यों का गहरा अध्ययन करके एक प्रमाणित ग्रंथ The Real Universe (सर्वज्ञ कथित ब्रह्मांड) नामक ग्रन्थरत्न में भूगोल-खगोल से सम्बन्धित विभिन्न शोधपूर्ण लेखों का संकलन-संपादन के साथ तत्सम्बन्धित विषयों को सचित्र प्रस्तुत कर मुमुक्षुओं एवं संशोधकों का मार्ग सरल कर दिया है। पूज्यश्री ने श्रमण परम्परा के साथ ही वैदिक, बौद्ध एवं अन्य भारतीय परम्पराओं में भूगोल-खगोल का आदिकाल से जो वर्णन मिलता है, उसे एकत्र करने का बहुत ही सुन्दर एवं सराहनीय प्रयास किया है। भूगोल-खगोल जैसे नीरस विषय को चित्रों के माध्यम से इस प्रकार से समझाने का प्रयास किया है कि किसी को भी इस विषय को जानने-समझने की जिज्ञासा स्वतः उत्पन्न होगी। आज भूगोल-खगोल के सम्बन्ध में अनेक वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर शोध हो रहे हैं, किन्तु आधे-अधूरे शोध के आधार पर ही वे इस सम्बन्ध में भिन्न-भिन्न मत स्थापित करके विश्व को भ्रमित कर रहे हैं। आपस में ही एक दुसरे के मतों का खण्डन एवं स्वमत का मण्डन कर रहे हैं। आज तक समस्त विश्व के वैज्ञानिक इस विषय पर एक मत नहीं हो पाये हैं, जबकि आदिकाल से श्रमण परम्परा के ग्रन्थों में इस विषय पर सर्वज्ञ कथित ब्रह्मांड का निरूपण होता आ रहा है। ___ वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भूगोल-खगोल का भौतिक जगत के साथ सम्बन्ध स्थापित किया जाता है, जबकि इस ग्रन्थ में भूगोल-खगोल का सम्बन्ध अनेकानेक तर्कबद्ध उदाहरणों के द्वारा आध्यात्मिक जगत के साथ स्थापित For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36