Book Title: Shraman Bhagvana Mahavira
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 450
________________ विहारस्थल-नाम-कोष ३९३ का प्रदेश पूर्वकाल में वत्स देश कहलाता था । इसकी राजधानी कौशाम्बी जमुना नदी के उत्तर तट पर अवस्थित थी । यहाँ का राजा शतानीक और उसका पुत्र उदयन महावीर का भक्त था । वरणा-यह नगरी अच्छ देश की राजधानी थी। पिछले समय में इसका उच्च नगर अथवा अच्छ नगर नाम प्रसिद्ध हुआ था । जहाँ आज बुलंदशहर है वहीं पहले उच्छ नगर था ऐसा शोधक विद्वानों ने निर्णय किया है। आचार्य हेमचन्द्र सूरि के मत से 'वरुणा' यह देश का नाम था और 'अच्छा' उसकी राजधानी का । वनखण्ड उद्यान-यह उद्यान पाटलखंड संनिवेश के पास था । वर्धमानपस्-इसके बाहर विजयवर्धन उद्यान था जहाँ माणिभद्र यक्ष का मंदिर था । तत्कालीन राजा विजयमित्र था । महावीर ने यहाँ पर राज्ञी अंजू के पूर्वभवों का वर्णन किया था । सूबे बंगाल का आधुनिक बर्दवान नगर, जो कलकत्ते से सड़सठ मील पश्चिम-दक्षिण में अवस्थित है, वर्धमानपुर हो तो आश्चर्य नहीं । व्रजग्राम-गोकुल शब्द देखिये । वाचाला-उत्तर वाचाला शब्द देखिये । वाणिज्यग्राम (वाणियगाम)-यह नगर वैशाली के पास गंडकी नदी के दक्षिण तट पर अवस्थित एक समृद्ध व्यापारिक मंडी थी । महावीर के भक्त आनन्द गाथापति प्रमुख कोट्याधीश गृहस्थ यहीं के रहनेवाले थे । आधुनिक बसाड़पट्टी के पास वाला बजिया गाम ही प्राचीन वाणिज्यग्राम हो सकता है । वाराणसी-बनारस देखिये । वालुकाग्राम-यहाँ पर संगमक देव ने महावीर को अनेक प्रकार के उपद्रव किये थे । यह ग्राम प्राचीन कलिंग और आधुनिक उड़ीसा के उत्तरपश्चिम भाग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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