Book Title: Shatkhandagama Pustak 07
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 685
________________ परिशिष्ट शब्द शब्द पूछ १६७ ९४, १६७ देशघाति स्पर्द्धक देशसंयम देशावरण द्रव्यशोध द्रव्यंबन्धक द्रव्यसंयम द्रव्यार्थिकनय द्वितीय दण्ड द्वितीयाक्ष द्वीन्द्रिय ४७९, ४८० ९, ३० १४ ७० ७० ६१ | परस्परपरिहारलक्षणविरोध १४ परिहारशुद्धिसंजम ६३ परिहारशुद्धिसंयत ८२ पर्यायार्थिक नय . । पर्युदास प्रतिषेध पारिणामिक ३,१३ पारिणामिक भाव ३१३, ३१५ पुरुषवेद पृथिवीकायिक पृथिवीकायिक नामकर्म प्रतरगत प्रतिपातस्थान प्रत्ययप्ररूपणा प्रत्याख्यानपूर्व प्रथमदण्ड प्रथमाक्ष प्रमाण ३, ६० प्रमाद प्रमेय २४७ प्रवाहानादि ४३६ प्रशस्त तैजसशरीर प्रसज्यप्रतिषेध ५५ ७९ १६७ ३१३ २४७ ११ ५०६ नगर नपुंसकवेद नय नामनारक नामबन्धक निक्षेप निगोद जीव निरुक्ति निवृति नीललेश्या नैगम नोआगमभाव नारक नोआगमद्रव्यबन्धक नोआगमभावबन्धक नोइन्द्रियज्ञान नोकर्मद्रव्य नारक नोकर्मबन्धक प्रशम १०४ ४०० ८५, ४७९ बन्ध बन्धक बन्धन बन्धनीय बन्धकसत्वाधिकार बन्धकारण बन्धविधान बादरसाम्परायिक १०४ बाह्यन्द्रिय 8.ornRIY पंचविधलब्धि पंचेन्द्रिय पद्मलेश्या Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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