Book Title: Shatkhandagama Pustak 07
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 683
________________ (५४) शब्द असंयम असाम्परायिक आगमद्रव्य नारक आगमद्रव्य बन्धक आगमभाव नारक आगमभाव बन्ध आन-प्राणपर्याप्ति आभिनियोधिकशानी आस्तिक्य मात्र * माहार आहारसमुद्घात इन्द्रिय ईर्यापथबन्ध ईषत्प्राग्भार उदय उदयस्थान उद्वेलनकाल उपचार उपपाद उपशम उपशमश्रेणी उपशमसम्यक्त्व उपशमसम्यग्वष्टि उपशान्तकषाय उपशामक उपादानकारण आ Jain Education International उ परिशिष्ट पृष्ठ ८, १३ | उपादेय ५ उपापुद्गल परिवर्तन ३० ४ ३० ५. ३४ ८४ ༥ ७, ११२ ३०० शब्द ८२ ३२ २३३ ६७, ६८ ३०० ऋजु सूत्रनय ७ ९ औदयिक ९, ८१ ए एकविंशतिप्रकृति उदयस्थान एकेन्द्रिय एवंभूत ६, ६१ | कर्मद्रव्य कर्मनारक औपशमिक कर्मनिर्जरा ५ कर्मबन्धक ३१५ कर्मस्थिति कर्वट कषाय कदलीघात कषायसमुद्घात कापोतलेश्या काय काययोग कारक कारण कूटस्थानादि १०८ कृतकरणीय १४ ॠ ८१ काष्ठ-पोत-लेप्यकर्मादि १०७ कृतयुग्म ५ | कृति - वेदनादिक १९ | कृष्णलेा For Private & Personal Use Only आ क पृष्ठ ६९ १७१, २११ ܙ २९ ३२ દૂર २९ ३० ३० १२४ ८२ ३० १४ ४, ५ १४५ ६ ७,८ २९९ १०४ ६ ७८ ८ २४७ ३ ७३ ૧ २५६ १ १०४ www.jainelibrary.org

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