Book Title: Shatkhandagama Pustak 06
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 596
________________ पृष्ठ (१२) परिशिष्ट सूत्र संख्या सूत्र पृष्ठ सूत्र संख्या सूत्र २२२ चत्तारि गदीओ गच्छंति णाणमुप्पाएंति, केई सम्माणिरयगदि तिरिक्खगर्दि मिच्छत्तमुप्पाएंति,केइं सम्मत्तमणुसगदि देवगदिं चेदि। ४९३ मुप्पाएंति, केई संजमासंजम२२३ णिरय-देवेमु उववण्णल्लया मुप्पाएंति, केई संजमं उप्पाणिरय-देवा केइं पंचमुप्पा एंति, केई बलदेवत्तमुप्पाएंति, एंति, केइमाभिणिबोहियणाण केई वासुदेवत्तमुप्पाएंति, केई मुप्पाएंति, केई सुदणाणमुप्पा चक्कवट्टित्तमुप्पाएंति, केई एंति, केइमोहिणाणमुप्पाएंति, तित्थयरत्तमुप्पाएंति, केइमंतकेइं सम्मामिच्छत्तमुप्पाएंति, यडा होदूण सिझंति बुझंति केइं सम्मत्तमुप्पाएंति । मुच्चंति परिणिव्वाणयंति सव्व२२४ तिरिक्खेमु उववण्णल्लया दुक्खाणमंतं परिविजाणंति । ४९४ तिरिक्खा मणुसा केई छ | २३० भवणवासिय-वाणवेंतर-जोदिउप्पाएंति । सियदेवा देवीओ सोधम्मी साणकप्पवासियदेवीओ च देवा उववण्णल्लया तिरिक्खमणुस्सा जहा चउत्थ देवेहि उव्वट्टिद-चुदसमाणा पुढवीए भंगो। कदि गदीओ आगच्छंति ? ४९५ २२६ देवगदीए देवा देवेहि उव्व २३१ दुवे गदीओ आगच्छंति ट्टिद-चुदसमाणा कदि गदीओ तिरिक्खगदि मणुसगदिं चेव । , आगच्छंति ? ४९४ २३२ तिरिक्खेसु उबवण्णल्लया २२७ दुवे गदीओ आगच्छति तिरिक्खा केई छ उप्पाएंति । ४९६ तिरिक्खगदि मणुसगदि चेदि। ,, । २३३ मणुसेसु उववण्णल्लया मणुसा २२८ तिरिक्खेसु उववण्णल्लया केई दस उप्पाएंति-केइ. तिरिक्खा केई छ उप्पाएंति । माभिणिबोहियणाणमुप्पाएंति, २२९ मणुसेसु उववण्णल्लया मणुसा केई सुदणाणमुप्पाएंति, केइकेई सव्वं उप्पाएंति- केइमा मोहिणाणमुप्पाएंति, केई भिणिबोहियणाणमुप्पाएंति,केई मणपज्जवणाणमुप्पाएंति, केई सुदणाणमुप्पाएंति, केइमोहि केवलणाणमुप्पाएंति, केई णाणमुप्पाएंति, केई मणपज्जव सम्मामिच्छत्तमुप्पाएंति, केई णाणमुप्पाएंति, केई केवल सम्मत्तमुप्पाएंति, केइं संजमा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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