Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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अट्टण्हमणुक्कोसो तेयालाणमजहण्णगो बंधो। णेओ हि चउविगप्पो सेसतिगे होइ दुविगप्पो उक्कोसमणुक्कोसो जहण्णमजहण्णगो य अणुभागो। साईअधुवबंधो पयडीणं होइ सेसाणं सुभपयडीण विसोहीई तिव्वमसुहाण संकिलेसेणं । विवरीए उ जहण्णो अणुभागो सव्वपयडीणं बायालंपि पसत्था विसोहिगुणउक्कडस्स तिव्वाओ। बासीइमप्पसत्था मिच्छुक्कडसंकिलिट्ठस्स आयवनामुज्जोयं माणुसतिरियाउगं पसत्थासु । मिच्छस्स हुंति तिव्वा सम्मद्दिट्ठिस्स सेसाओ देवाउमप्पमत्तो तिव्वं खवगा करिति बत्तीसं । बन्धंति तिरयमणुया एक्कारस मिच्छभावेणं पंच सुरसम्मदिट्ठी सुरमिच्छो तिण्णि जयइ पयडीओ। उज्जोयं तमतमगा सुरनेरइया भवे तिण्हं सेसाणं चउगइया तिव्वाणुभागं करिति पयडीणं । मिच्छद्दिट्ठी नियमा तिव्वकसाउक्कडा जीवा चोद्दस सरागचरिमे पंचगमनियट्टि नियट्टिएक्कारं। सोलस मंदणुभागं संजमगुणपत्थिओ जयइ आहारमप्पमत्तो पमत्तसुद्धो उ अरइसोगाणं । सोलस माणुसतिरिया सुरनारगतमतमा तिण्णि एगिदियथावरयं मंदणुभागं करेंति तिगईया। परियत्तमाणमज्झिमपरिणामा नेरइयवज्जा आसोहम्मायावं अविरइमणुओ य जयइ तित्थयरं । चउगइउक्कडमिच्छो पण्णरस दुवे विसोहीए
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