Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 16
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 10
________________ // 2 // // 3 // // 4 // पू.आ.श्रीसिद्धसेनदिवाकराचार्यविरचितम् ॥सम्मतिसूत्रम् // * नयकंडं .. सिद्धं सिद्धत्थाणं ठाणमणोवमसुहं उवगयाणं / कुसमयविसासणं सासणं जिणाणं भवजिणाणं समयपरमत्थवित्थरविहाडजणपज्जुवासणसयण्हो / आगममलारहियओ जह होति तमत्थमुन्नेसु तित्थयरवयणसंगहविसेसपत्थारमूलवागरणी / दव्वट्ठिओ अ पज्जवणओ अ सेसा विअप्पा सिं दव्वट्ठिअनयपयडी सुद्धा संगहपरूवणाविसओ / पडिरूवे पुण वयणत्थनिच्छओ तस्स ववहारो मूलनिमेणं पज्जवनयस्स उज्जुसुअवयणविच्छेदो / तस्स उ सद्दाईआ साहपसाहा सुहुमभेआ नामं ठवणा दविए ति एसु दव्वट्ठिअस्स निरक्खेवो / भावो उ पज्जवट्ठिअस्स परूवणा एस परमत्थो पज्जव णिसामन्नं वयणं दव्वट्ठिअस्स अस्थि त्ति / अवसेसो वयणविही. पज्जभयणा सपडिवक्खो .. पज्जवनयवोक्तं वत्थु दव्वट्ठिअस्स वयणिज्जं / जाव दविओवओगो अपच्छिमविअप्पनिव्वयणो दव्वढिओ त्ति तम्हा नत्थि नओ निअमसुद्धजाईओ। न य पज्जवट्ठिओ नाम कोइ भयणाय उ विसेसो दव्वट्ठिअवत्तव्वं अवत्थु नियमेण होइ पज्जाए। तह पज्जववत्थु अवत्थुमेव दव्वट्ठिअनयस्स उप्पज्जंति वयंति अ भावा निअमेण पज्जवनयस्स। दव्वट्ठियस्स सव्वं सया अणुप्पन्नमविणटुं // 5 // // 6 // // 7 // // 8 // // 10 // // 11 //

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