Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ उभयक्खयम्मि हेऊ को वा अन्नो त्ति ? झाणमह बुद्धी / इट्ठमिदं णो जम्हा धम्मातो ण तं पिहब्भूयं // 24 // जो पुण्णकम्मरूंवो धम्मो तस्स क्खयातो सिवगमणं / जो.पुण आतसहावो पगरिससुद्धो ण तस्सावि // 25 // सो उभयक्खयहेऊ सेलेसीचरमसमयभावी जो / सेसो पुण निच्छयओ तस्सेव पसाहगो णेओ // 26 // णामं ठवणा दविए खेत्ते काले तहेव भावे य / एसो खलु धम्मस्सा णिक्खेवो छव्विहो होइ जीवस्साजीवस्स व अन्नत्थविवज्जियस्स जस्सेह / धम्मो णामं कीरइ स नामधम्मो तदक्खा वा // 28 // सब्भावासब्भावे पडुच्च लेप्पक्खचित्तमादीसु. / धम्मवतो जा ठवणा ठेवणाधम्मो स विनेओ // 29 // सच्चित्तेतरभेदस्स होइ दव्वस्स जो खलु सहावो / एसो उ दव्वधम्मो णुर्वउत्तस्सऽहव सुयमादी // 30 // इह दव्वं चेव णिवासमित्तपज्जायतो मतं खेत्तं / जो तस्सायसभावोऽमुत्तादी खेत्तधम्मो सो // 31 // जं वत्तणादिरूवो कालो दव्वस्स चेव पज्जातो / सो चेव ततो धम्मो कालस्स व जस्स जो लोए // 32 // जीवाण भावधम्मो कम्मोवसमेण जो खलु सहावो / पसमादिलिंगगम्मो सो णेगविहो मुणेयव्वो // 33 // जीवम्मि कम्मजोगे य तस्स सइ एस जुज्जई जम्हा / तं चैव ततो पुव्विं वोच्छामि सुताणुसारेणं // 34 // जीवो अणादीणिहणो मुत्तो परिणामि जाणओ कत्ता / मिच्छत्तादिकतस्स य णियकम्मफलस्स भोत्ता उ // 35 // 3

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