Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ जीवो तु णत्थि केई पच्चक्खं णोवलब्भती जम्हा / ण य पच्चक्खादण्णं पमाणमत्थि त्ति मण्णंति // 36 // अणुमाणमप्पमाणं अणुमाणविरुद्धमादिदोसातो। . आगमपमुहेसुं पुण सव्वे वि ण संगया पायं . // 37 // ता कहमागमपमुहा होंति पमाणा उ णज्जती कह य ? / एयं एत्थ पमाणं ण पमाणमिदं तु वत्तव्वं . // 38 // जो पडिसेहेति सिया स एव जीवो ण जुत्तमेतं पि / नत्थि परलोगगामी भणिमो जं पुण ण एसो वि // 39 // अत्थि पडिसेहगो इह चेतण्णविसिट्ठकायमेत्तो तु / . दाणादिफलाभावो सो (तो) अस्थि ण संगतमिदं पि // 40 // पुट्ठो केणइ भोतो देवो णत्थि त्ति केइ सो आह / किं धम्मिओ गतो ता वाडीऍ अणेण जं तुल्लं // 41 // सिय जातीसरणातो थणाहिलासातो चेव अस्थि त्ति / जातिस्सरणमसिद्धं भूयसहावातो इतरं पि // 42 // चित्तो भूयसहावो एताओ चेव लाभहरणादी / सिद्ध त्ति णत्थि जीवो तम्हा परलोगगामी तु . // 43 // भण्णइ ण जुत्तमेयं पच्चक्खं णोवलब्भइ जमुत्तं / / जम्हा अवग्गहादी हंदि ससंवेयणपसिद्धा // 44 // जं जायई सती मे उप्पन्नमिहासि णीलविन्नाणं / इयमणणुभूयविसया जुज्जइ नातिप्पसंगातो // 45 // धम्मा अवग्गहादी धम्मी एतेसि जो स जीवो तु / तप्पच्चक्खत्तणतो पच्चक्खो चेव तो अस्थि / // 46 // भूतेहिं चेतनं कायागारादिपरिणतेहितो। तब्भावे भावातो मज्जंगेहिं व मदसत्ती // 47 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 306