Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 39 Anuyogdwar Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
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आगम
(४५)
[भाग-३९] “अनुयोगद्वार”– चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्तिः )
.................... मूलं [-] / गाथा ||--|| .......................... पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-[४५), चूलिकासूत्र-२] अनुयोगद्वार मूलं एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति:
KHABHISAXE
श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाइ जैनपुस्तकोद्धार-ग्रन्थाङ्के
॥अहम् ॥ श्रीमद्गणधरप्रवरगौतमस्वामिवाचनानुगतम् । श्रीमन्मलधारीयहेमचन्द्रसूरिसंदृब्धवृत्तियुतम् । श्रीअनुयोगद्वारसूत्रम् ।
- enteeronea ऐं नमः । श्रीवीतरागाय नमः ॥ सम्यकसुरेन्द्रकृतसंस्तुतिपादपद्म-मुद्दामकामकरिराजकठोरसिंहम् । सद्धर्मदेशकवरं वरदं नतोऽस्मि, वीरं विशुद्धतरबोधनिधिं सुधीरम् ॥१॥ अनुयोगभृतां पादान बन्दे श्रीगीतमादिसूरीणाम् । निष्कारणवन्धूनां विशेषतो धर्मदाणाम् ॥२॥ यस्याः प्रसादमतुलं संप्राप्य भवन्ति भन्यजननिवहाः । अनुयोगवेदिनस्तां प्रयतः श्रुतदेवतां वन्दे ॥३॥ इहातिगम्भीरमहानीरधिमध्यनिपतितानर्घ्यरत्नमिवातिदुर्लभं प्राप्य मानुषं जन्म ततोऽपि लब्ध्या त्रिभुवनैकहितश्रीमजिनप्रणीतयोधिलाभं स
SHARESS
वृत्तिकार कृत् मंगलं, वंदन तथा आरम्भ-कथनं
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