Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 34 Dashvaikalik Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 9
________________ आगम (४२) [भाग-३४] “दशवैकालिक”- मूलसूत्र-३ (मूलं+नियुक्ति:+|भाष्य+वृत्ति:) अध्ययनं -1, उद्देशक [-1, मूलं -], नियुक्ति: [-], भाष्या-] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र[४]मूलसूत्र[३] दशवैकालिक मूलं एवं हरिभद्रसूरिविरचिता वृत्ति: NARNARWARIAMARNAMAG SANNANTARIANAANANARIAAWARAANAANAANANAANANANAe श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई जैनपुस्तकोद्धारे ग्रन्थाङ्कः ४७. श्रीमच्छय्यम्भवसूरीश्वरसूत्रितं धर्मतो याकिनीपुत्रश्रीमद्धरिभद्रसूरिवरशिष्यबोधिनीसंज्ञक विवरणयुतं श्रीदशवकालिकसूत्रम् । mas प्रसिद्धिकारकः शाह-नगीनभाई घेलाभाई जव्हेरी, अस्यैकः कार्यवाहकः । NAAMANARMANANNARNA -reso--- इदं पुस्तकं मुम्बय्यां-शाह नगीनभाई घेलाभाई जव्हेरी, ४२६ जव्हेरी बाजार इत्यनेन निर्णयसागरमुद्रणालये कोलभादवीभ्यां २३ तमे आलये रामचन्द्र येसू शेडगे द्वारा मुद्रयित्वा प्रकाशितम् । वीरसंवत् २४४. विक्रमसंवत् १९०४. (पण्यं सार्धं रुप्यकवयम्) काट १९१८. प्रतयः १०... JUMUNUNUA MANUNUNUNNARUMMUM दशवैकालिक सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"

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