Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 34 Dashvaikalik Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
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५१४
मूलाङ्का: २१+५१५ दशवैकालिक मूल-सूत्रस्य विषयानुक्रम
दीप-अनुक्रमा:५४० मूलांक: अध्ययन | पृष्ठांकः | | मूलांक | अध्ययन पृष्ठांक: | | मलांक अध्ययन पृष्ठांक: ००१ १-द्रमपुष्पिका
०५१ २२६ ६-महाचारकथा ३९२
९/३- उद्देशक -३ ००६ २-श्रामण्यपूर्वक
२९४ ७-वाक्यशुद्धिः
४२५
९/४- उद्देशक -४ ५२१ ०१७ ३-क्षुल्लकाचारकथा ३५१ ८-आचारप्रणिधी ४५८
|१०-- सभिक्षुः
५२७ |४-षडजीवनिकाया | २५० ।। ४१५ |९-विनयसमाधि: ४८९
चूलिका |५-पिन्डैषणा
३३२ | ९/१- उद्देशक -१ ४९५ ।। |१-रतिवाक्यं
५४९ | ५/१- उद्देशक- १ ३३६
|९/२- उद्देशक -२
५०३ ।। २-विविक्तचर्या ५६६ |५/२ उद्देशक- २ ३७४
उपसंहार-नियुक्ति: ५७८
१७५ २१०
पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र[४२] मूलसूत्र[३] दशवैकालिक मूलं एवं हरिभद्रसूरिविरचिता वृत्ति:
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