Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 32 Oghniryukti Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 9
________________ आगम (४१/१) [भाग-३१] [भाग-३२] “ओघनियुक्ति”- मूलसूत्र-२/१ (मूलं+नियुक्ति:+वृत्ति:) मूलं [-] .→ “नियुक्ति: [-] + भाष्यं - + प्रक्षेपं -" . पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[४१/१] मूलसूत्र-[२/१ ओघनियुक्ति मूलं एवं द्रोणाचार्य-विरचिता वृत्ति: प्रत गाथांक नि/भा/प्र MARATARRARIANARMANANANANAANAANAANAANANGI ॥अहम् ॥ दूभद्रबाहुस्वामिविरचितनियुक्तिश्रीमत्पूर्वाचार्यविरचितभाष्ययुता त्तिशोधकनिर्वृतिकुलभूषणश्रीमद्रोणाचार्यसूत्रितवृत्तिभूषिता श्रीमती-ओघनियुक्तिः ||-|| AIRNEARNANGANANAINA दीप अनुक्रम - प्रसेधिका-राजनगरीयविद्याशालाज्ञानकोशात् शाह-जयसिंहभाइ हठीसिंहप्रभृतिवितीर्णद्रव्यसहायेन शाह-वेणीचन्द्र सुरचन्द्रद्वारा श्रीआगमोदयसमितिः मुद्रित-मोहमय्या निर्णयसागरमुद्रालये रा०रा० रामचन्द्र येसू शेडगे द्वारा वीरसंवत् २४४५. विक्रमसंवत् १९७५. क्राइष्ट १९१९. पण्य-३-० रूप्यकत्रयम् HUMMMMMMMMMMMMMMMRUUNUURUUM प्रतयः१००० ForParaanaLPHABUMOne wwwlanatiram.orm ओघनियुक्ति सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"

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