Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 21 Sooryapragyapti Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 605
________________ भाग 01 02 03 04 05 06 07 08 09 10 सवृत्तिक- आगम-सुत्ताणि भाग १ से ४० में कहां क्या मिलेगा? इस भागमे समाविष्ट आगम के नाम और आगम-क्रम श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- १,२ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- ३ से ९, श्रुतस्कन्ध- २ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- १ से १३ | आगम ०१ आचार मूलं एवं वृत्ति भाग-१ आगम ०१ आचार मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग - १ | आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ भाग-२ | आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, | आगम ०४ समवाय मूलं एवं वृत्ति. | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, श्रुतस्कन्ध- १, अध्ययन १४ से १६, श्रुतस्कन्ध-२ स्थान- १ से ४ स्थान- ५ से १० संपूर्ण भाग-१ शतक- १ से ६ भाग-२ शतक- ७ से ११ | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, आगम ०६ ज्ञाताधर्मकथा मूलं एवं वृत्ति. आगम-७,८,९,१० उपासकदशा, अंतकृतदशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण मूलं एवं वृत्ति. भाग-३ शतक- १२ से २० भाग-४ शतक - २१ से ४१ संपूर्ण 11 12 13 14 15 16 17 | आगम १४ जीवाजीवाभिगम भाग - २ मूलं एवं वृत्ति. [ प्रतिपत्ति-३ - अतर्गत ] सूत्र - १३९ से प्रतिपत्ती - १० संपूर्ण 18 आगम १५ प्रज्ञापना भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. पद- १ से ५ 19 आगम १५ प्रज्ञापना भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. पद- ६ से २२ 20 आगम १५ प्रज्ञापना भाग-३ मूलं एवं वृत्ति. पद- २३ से ३६ पूर्ण 21 | आगम १६ सूर्यप्रज्ञप्ति मूलं एवं वृत्ति. आगम-११, १२, विपाक, उववाई मूलं एवं वृत्ति. | आगम १३ राजप्रश्नीय मूलं एवं वृत्ति. आगम १४ जीवाजीवाभिगम भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. [ प्रतिपत्ति ३ अतर्गत सूत्र- १ से १३८ ~605~ कुलपृष्ठ ३१४ ५८६ ४९८ ३९२ ५९४ ४९४ ३३८ ५९२ ५५२ ५१४ ३८४ ५२२ ५३८ ३८४ ३१४ ४८० ४८८ ४२६ ५१४ ३३६ ६१०

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