Book Title: Sarvagnashatakam Author(s): Labhsagar Publisher: Aagamoddharak Granthmala View full book textPage 3
________________ साधुभ्यो येन दत्ता जिनवचनविदा वाचना आगमानां चिद्भक्त्या येन सर्वे जिनवरसमया उद्धृता वृत्तियुक्ताः। जाते यस्योपदेशाज्जननयनहरे मन्दिरे आगमीये, भक्त्या नित्यं प्रवन्दे श्रमणततिनतं सूरिमानन्दसिन्धुम् // 1 // : प्रकाशक: आगमोद्धारकग्रन्थमालाना एक कार्यवाहक शा. रमणलाल जयचंद कपडवंज (जि. खेडा) : मुद्रक : भाईलालभाई मोहनभाई पटेल मेनेजिंग डीरेक्टर सहकारी छापखानुं वडोदरा लि. रावपुरा, वडोबस...Page Navigation
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