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1. दिशा स्थिति (Correct Direction) सभी वस्तुओं को अपनी सही स्थिति और दिशा में स्थापित करने से वास्तु संबंधी दोषों से राहत मिलती है, जैसे रसोई घर गलत बना है, तो उसमें चूल्हा, स्टोव आदि सही दिशा अग्नि कोण में स्थापित करने से वास्तु दोष मिट जाता है।
शयन कक्ष गलत बना हो, तो सोने की स्थिति, दक्षिण-उत्तर कर के, शयन कक्ष के वास्तु दोष को ठीक किया जा सकता है। इसी प्रकार मान लें पानी का बोरिंग अग्नि कोण (गलत दिशा) में कर दिया गया है, तो वहां इलेक्ट्रिक मोटर लगा दें एवं पानी के प्रथम निकास (Direction) को ईशान कोण या पूर्व (सही) दिशा में स्थापित कर दें, तो भवन का जल दोष नष्ट हो जाएगा। 2. कांच (Mirror) कांच प्रकाश किरण को परावर्तित करता है। क्रिस्टल बाल सकारात्मक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। क्रिस्टल बाल घर के आंतरिक एवं बाहृय, दोनों प्रकार के वास्तु दोष को ठीक करता है। कोई भी क्रिस्टल बॉल सूर्य की किरणों को परावर्तित करती हुई इंद्रधनुषी रंगों का सृजन करेगा। यह गृहस्वामी के भाग्य को, इंद्रधुनषी रंगों के माध्यम से, चमकाती है। क्रिस्टल बॉल का धार्मिक महत्व भी है। चीन, सिंगापुर, जापान में भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने यह लगायी जाए, तो इस बॉल में विशेष शक्ति आ जाती है। क्रिस्टल बॉल के माध्यम से सूर्य का प्रकाश आध्यात्मिक शक्ति में बदल जाता है। मंत्रों की शब्द शक्ति क्रिस्टल-बॉल से टकरा कर, अनंतगुणित हो कर कमरे में फैल जाती है। भारत में भी प्राचीन मंदिरों की छतों पर रंग-बिरंगे कांच के गोले लगाने की परिपाटी अति प्राचीन है। कांच एवं क्रिस्टल बॉल का उद्देश्य तो एक ही है। कांच दिशा विशेष को प्रभावित करता है, जबकि क्रिस्टल बॉल चारों ओर अपना प्रभाव बिखेरता है। 3. तेज रोशनी के बल्ब (Floodlight Bulb) तेज रोशनी (Flood light) वास्तु दोष सुधार की श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, जो पर्यावरण को सुधार देती है, तथा L के आकार वाले मकान को चौकोर (Square) में बदल देती है। पर्वत के छोटे ढलान पर बने मकान के सामने रोशनी फेंकने पर, उस मकान से बहती हुई लक्ष्मी का रेला रुक जाता है। तेज प्रकाश सूर्य की रोशनी
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