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अध्याय-7
7. Vastu Remedial Method
बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष शमन, दिशा स्थिति, कांच, तेज रोशनी के बल्व, मधुर स्वरलहरी या घंटी वृक्ष और पुष्प गुच्छ, क्रिस्टल बॉल, मछली घर, जलाशय एवं फव्वारे, पवन चक्की और दिशादर्शक यंत्र, भारी पत्थर एवं मूर्तिया, भारी विद्युतीय संयंत्र, बांस और बांसुरी ।
बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष शमन
ज्यादातर लोगों कि एक ही जिज्ञासा होती है कि बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष का शमन कैसे संभव है? कई वास्तु शास्त्र के तथाकथित विशेषज्ञों के फोन आते हैं कि अमुक कारखानें-भवन में अमुक प्रकार का जबरदस्त दोष है। क्या बिना तोड़-फोड़ के इस दोष का निराकरण हो सकता है?
विदेशों में बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोष - शमन के नौ उपाय ( Nine Basic Cure) सर्वाधिक प्रचलित हैं। प्रो. लिनगुन (Lin-yun) एवं वास्तुकार सराह रोस्वेच (Sarah Rossbach) ने इन उपायों पर बहुत विस्तार से प्रकाश डाला है। उनके द्वारा प्रदत्त जिन 'नाइन बेसिक क्योर से आकाश, वायु, जल, प्रकाश, अग्नि-इन पंचभूतों के तालमेल को सुधारा जा सकता है, वे इस प्रकार हैं। 1. रोशनी - दर्पण - क्रिस्टल बाल 2. ध्वनि - घंटी 3. वृक्ष-पौधे झाड़ी, पुष्प 4 पवन चक्की, फव्वारा, दिशादर्शक यंत्र, 5. मूर्तिया - पत्थर - चट्टानें, 6. विभिन्न विद्युत उपकरण, 7. बांस, 8. रंग-निदान 9. विभिन्न टोटके और यंत्र ।
वास्तु दोष संबंधी विदेशी ज्ञान, भारतीय वास्तु शास्त्रज्ञों के सामने बौना है। विदेशी लोगों को केवल चार दिशाएं ही पता थीं - पूर्व-पश्चिम - उत्तर - दक्षिण । फिर भारतीय शास्त्रों की मदद से ईशान, अग्नि, नैर्ऋत्य, वायव्य इत्यादि चार दिशाओं का और पता चला बस, इनके आगे इन्हें कोई ज्ञान नहीं है। इनकी उत्पत्ति कैसे हुई. इन दिशाओं के नामकरण के पीछे क्या रहस्य है, इसका ज्ञान उन्हें नहीं है । वस्तुस्थिति यह है कि भारतीय मनीषियों ने आज से हजारों वर्ष पूर्व मुंह देखने के कांच (दर्पण) का महत्व दर्शाया था। विदेशी वास्तु शास्त्रियों की दृष्टि में इसका बड़ा भारी महत्व है। क्योंकि यह वास्तु संबंधी बाहरी दुष्प्रभाव को वापस लौटाने (Reflect) की शक्ति रखता है। कांच आंतरिक सुंदरता और सुरक्षा को बढ़ाता है। इसमें आकार का कोई विशेष महत्व नहीं है।
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