Book Title: Saral Sanskritam Dwitiya
Author(s): Bhaktiyashvijay
Publisher: Divyadarshan Trust

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Page 282
________________ ६२छ्वुं = लष् [1] २छ् = वश् [11] २छ = आ + शास् [11] २छ्वुं = ईह् [33] ६य्छा = अभिलाष [14] छा - अभीप्सा [19] = ६२छा = मनोरथ [25] ईच्छा विनाना = निरीह [23] च्छित = अभिप्रेत [9] च्छित इष्ट [15] धच्छित = अभीष्ट [27] ईन्द्र = इन्द्र [4] ईन्द्र = सुरेश्वर [23] боя = - वासव [24] धन्द्रिय = हृषीक [14] धीन्द्रियोनुं मन = दम [31] 35ng = क्वथ् [16] sng = उत् + क्वथ् [16] (ng = क्वथ् [16] वुं = उत् + क्वथ् [16] ति = उक्ति [12] उधाsg = अप + आ + वृ [3] ઉતાવળ કરવી – ત્ત્વ [20] उत्तम = उत्तम [9] उत्पत्तिस्थान = योनि [20] Grumag = Geu ual = 3 + 374 [10] उधर२ = उदाहरण [5] अहीरला ४२वी = उद्+ईर् [19] ઉદ્ધાર કરવો = ઙ+ě [19] उद्यमी - उद्यमिन् [19] द्विग्न थपुं वि + रज् [34] = | ना = उन्नतपुर [22] G-HT adel = [31] | पारी = उपकारिन् [23] | पयार = चिकित्सा [28] | उपद्रव = उपद्रव [25] |पहेश = देशना [21] 6421-3447 [28] = उपार्थन ५२ = उप + अर्ज् [29] | उपासना रवी = उप+आस् [11] ઉમંગ 1 = उत्साह [23] = उससित थवुं उत् + लष् [29] based = [12] = धुं = एज् [33] [होर = कठिन [24] | डडवाइस = कटुफल [28] +[18]=[10] |थन = कथन [16] 5न्या = कन्या [20] 542 = छल [15] |भण = अम्बुज [25] २ = शुल्क [30] २ना२= कारिन् [14] २ = कृ [3] ५२ = वि+धा | धा [14] या = अवगाहना [20] या स्वरे २sg = वि+क्रुश् [13] थे ४= उद् + हा [15] seg = TOUT [10] | हेवु = आ + ख्या [10] કહેવું = ચક્[11] |Quig = 3+3 [10] Qug= 39+ [10] Goig = 35+ [10] Qada [12] એકઠું કરવું = વિ [3] | खैश्वर्य = विभूति [16] |q=a[27] |योगजवुं = ली [6] |ઓગળવું = ↑ [7] खोगणी ४धुं वि + ली [7] अपधुं = त्रुट् [1] sou (zial) = chr [4] अंध = स्फुर् [21] अन = श्रोत्र [5] slug= at [1] કાપવું = છો [1] = अथवुं = लुप् [2] दुरिया = पण्य [28] | ईश = कर्कश [34] ऽस्यास = कल्याण [5] अष्ट हेवुं = यस् [1] | डेवत = उक्ति [12] ag- [21] કાપવું = તૂ [6] | खोछु जोसनार = मितभाषिन् [5] | अपवुं छिद् [8] खोज अभि+ज्ञा [7] slug= T [10] अपधुं अव + दो [15] | इंदूसार्ध = कृपणता [22] | टाणg = क्लम् [1] अपवुं व्रश्च् [ वृश्च् ] [2] |ध = उद्+विज् [9] | अजूमां राजवं = यम् [यच्छ् ] [2] જીજી સરલ સંસ્કૃતમ્ ૭૪૬૮૪૪ ૠૠગુ.સં.કોશજીજી

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