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अशुद्धि
शास्त्र उपयोग
श्रावकाध्यन
गर्भधानादि
उस्तर
गन्धदव्य
...
महाष
देवताओं सर्वार्थसिद्ध
( वर्तावतरण )... ( त्रतावतरण )
...
*Y*
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***
984
...
...
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( ३ )
शुद्धि
शस्त्र
उपयोग में
पाठक महोदय !
...
उत्तर
गन्धद्रव्य
महर्षि
देवताओंके सर्वार्थसिद्धि
...
भावेकाध्ययन.. गर्भाधानादि
...
:
0.4
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२०७
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विनय.
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पंक्ति
११
२१
२२
१६
१४
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हमारी भूल से पहले के चार फार्म कलकत्ते
के टाईप में छप गये हैं उनमें कितनी जगह मात्राएँ ठीक २ नहीं खुली हैं। उन्हें जहां तक होसका शुद्धि पत्र में ठीक करदी हैं परन्तु और भी गलती रहने की संभावना है इसलिये क्षमा करेंगे ।