Book Title: Sanshay Timir Pradip
Author(s): Udaylal Kasliwal
Publisher: Swantroday Karyalay

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Page 194
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अशुद्धि शास्त्र उपयोग श्रावकाध्यन गर्भधानादि उस्तर गन्धदव्य ... महाष देवताओं सर्वार्थसिद्ध ( वर्तावतरण )... ( त्रतावतरण ) ... *Y* ** *** 984 ... ... www.kobatirth.org ( ३ ) शुद्धि शस्त्र उपयोग में पाठक महोदय ! ... उत्तर गन्धद्रव्य महर्षि देवताओंके सर्वार्थसिद्धि ... भावेकाध्ययन.. गर्भाधानादि ... : 0.4 *** २०७ :: विनय. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private And Personal Use Only पंक्ति ११ २१ २२ १६ १४ 936 "W ... 689 ... ●५ ... :: ... ... t g १२६ १३१ १३५ १३५ १३८ १३८ १३८ १४० १५५ १५९ हमारी भूल से पहले के चार फार्म कलकत्ते के टाईप में छप गये हैं उनमें कितनी जगह मात्राएँ ठीक २ नहीं खुली हैं। उन्हें जहां तक होसका शुद्धि पत्र में ठीक करदी हैं परन्तु और भी गलती रहने की संभावना है इसलिये क्षमा करेंगे ।

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