Book Title: Sanshay Timir Pradip
Author(s): Udaylal Kasliwal
Publisher: Swantroday Karyalay
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पंक्ति २३
अशुद्धि अबवा स्त्रजम् जिनभगावान् ... चकरत्न ...
शुद्धि अथवा ... स्रजम् जिनभगवान् ... चक्ररत्न ... वचे ...
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१८
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दिगम्बरीयों ... दिगम्बरिया...। बन्ध ... बन्ध ... पञ्चद्रिय ... पञ्चेन्द्रिय ... मकानादिको ...जिनमन्दिरादिको... सदृशैः ... सद्रसैः ... जिन ... जिनं ... श्रुतिका ... श्रुतिको ... मुाषतद्रव्य ... मुषितद्रव्य ... उत्तरमुखकी .. उत्तरमुखकी ओर... स्तनन ... स्तवन ... प्रसक्रम् ... प्रसक्तम् ... पतिचिन्ह
यतिचिन्ह ... खड़ा ... खडे ... उवविसड़
उविसउ ... आर
और ... द्विद्रियादि द्वीन्द्रियादि निष्फला
निष्फला दिली
दिली ... रहने में ." रहने से ...
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२२ ।
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