Book Title: Samavsarne Betha Lage je Jinji Mitha
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 31
________________ رير दिल धानी SOUND SOU . समवसरण चित्र अपूर्ण है। उपर का आधा हिस्सा इसमें है। निचेका हिस्सा इसमें नहीं है। दि देवदुंदुजि • ण्ञ र शामर देवेंदृष्टि मुनीर्थकर सतुर्भुज तीर्थरदेव यस पर.. समय कीरारा गढ़ मणिमय कोशरा CORE-JOCK E . प्राछत्र 4 田 DO हेतु उपयोगी है. यह समवसरण चित्र आणि अपूर्व है. फिरभी जानकारी पुष्प कृष्टि * भामंडल 303-20 W . 3 अरोन्स दाजु पूरा सारण को } आच्छादित करता है। देवदुटुभि . = बहुहुलि दिव्य Erit हिव्य ध्वनि चेयर सामर चतुर्मुखतीर्थकार भगवान चारों दिशा में ४ सिंहासन 'सीभरा दनका गढ़ थममको रा भाणमया करंग

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