Book Title: Sagarmal Jain Vyaktitva evam Krutitva
Author(s): Jain Samaj Shajapur MP
Publisher: Jain Samaj Shajapur MP

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Page 19
________________ पुस्तिकाएँ Jain Education International For Private & Personal Use Only 1. अनेकान्त की जीवन दृष्टि (श्री सौभाग्यमल जी जैन के साथ) भारत जैन महामण्डल, बम्बई, 1975 2. अहिंसा की सम्भावनायें पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1980 3. जैन साहित्य और शिल्प में बाहुबली (डॉ. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी के साथ) पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1981 4. पर्युषण पर्व : एक विवेचन पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1983 5. जैन एकता का प्रश्न पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1983 6. जैन अध्यात्मवाद : आधुनिक सन्दर्भ में पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1983 7. श्रावक धर्म की प्रासंगिकता का प्रश्न पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1983 8. धार्मिक सहिष्णुता और जैनधर्म पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1985 9. भारतीय संस्कृति में हरिभद्र का अवदान पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, 1987 10. जैन साधना पद्धति में तप सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, अनूदित-ग्रन्थ 1981 1. History of Ethics, Sidzwick हिन्दी अनुवाद ( अप्रकाशित) www.jainelibrary.org

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