Book Title: Ratnatray mandal Vidhan Author(s): Rajmal Pavaiya Kavivar Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation View full book textPage 1
________________ श्री रत्नत्रय मण्डल विधान रचयिता कविवर पण्डित राजमल पवैया, भोपाल प्रकाशक अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५ प्रथम तीन संस्करण : ( १७ अप्रैल १९९९ से अद्यतन ) चतुर्थ संस्करण : (१२ जून, श्रुतपंचमी २००५) योग मूल्य : सोलह रुपये मुद्रक : प्रिन्ट 'ओ' लैण्ड बाईस गोदाम, जयपुर : ६ हजार १ हजार ७ हजार विषय-सूची मंगलाचरण, पीठिका समुच्चय पूजन श्री सम्यग्दर्शन पूजन श्री अष्टांग समुच्चय पूजन श्री निःशंकित अंग पूजन श्री निःकांक्षित अंग पूजन श्री निर्विचिकित्सा अंग पूजन श्री अमूढ़ दृष्टि अंग पूजन श्री उपगूहन अंग पूजन श्री स्थितिकरण अंग पूजन श्री वात्सल्य अंग पूजन श्री प्रभावना अंग पूजन श्री सम्यग्ज्ञान पूजन श्री सम्यक्चारित्र पूजन श्री पंचमहाव्रतधारक मुनिराज पूजन श्री अहिंसाव्रतधारक पूजन श्री सत्यमहाव्रतधारक मुनिराज पूजन श्री अचौर्यमहाव्रतधारक मुनिराजपूजन श्री ब्रह्मचर्यमहाव्रतधारक मुनिराज पूजन श्री अपरिग्रहमहाव्रतधारक मुनिराज पूजन श्री पंचसमितिधारक मुनिराज पूजन श्री ईयसमितिधारक मुनिराज पूजन श्री भाषासमितिधारक मुनिराज पूजन श्री एषणासमितिधारक मुनिराज पूजन श्री आदाननिक्षेपणसमितिधारक मुनिराज पूजन श्री प्रतिष्ठापनसमितिधारक मुनिराज पूजन श्री तीनगुप्तिधारक मुनिराज पूजन श्री मनोगुप्तिधारक मुनिराज पूजन श्री वचनगुप्तिधारक मुनिराज पूजन श्री कायगुप्तिधारक मुनिराज पूजन अंतिम महार्घ्य महाजयमाला शान्तिपाठ एवं क्षमापना १ ४ ९ २२ २६ ३१ ३५ ३८ ४२ ४६ ५० ५४ ५८. ६६ ७ই ७७ ८२ ८६ ८९ ९४ ९९ १०२ १०६ ११० ११४ ११८ १२२ १२७ १३० १३४ १३८ १४० १४१Page Navigation
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