Book Title: Rashtrakuto (Rathodo) Ka Itihas
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archealogical Department Jodhpur
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वर्णानुक्रमणिका देवराज, ४६.
नयपाल, १८, १६. देवेन्द्र, ७०.
नवसाहमाचरित, २६. दोर (धोर), ६३.
नागकुमारचरित, ३६, ८६. होण, २८.
नागदा, ३२. द्वयाश्रयकाव्य, २८.
नागभट ( नाहड ) (प्रथम), ४८, १५०. द्विरूपकोश, १३७.
नागभट (नाहड ) (द्वितीय), १७, ४८, ६१,
१५..
नागवर्मा, १८, १०६. धनपाल, २६, १.
नागावलोक, ४८. धरणीवगह ११६, १२..
नारायण, ५, १३. धर्म, १२.
नारायण, ८६. धर्मपाल, २०, ४८, ४६, ६८.
नारायणशाह, ५. धर्मायुध, ६६.
नाहहराव, १४७, १४३, १११. धवल, ११६, १२०.
निरुपम, ६१-६३. धादिभण्डक (धाडिदेव), ११४.
निरुपम, ८४.६१, ६५. धीरसनपुण्डीर, १४७.
नीजिकब्बे, १०८. यूहजी, १८.
नीतिवाक्यामृत, ३६, ८८. ध्रुवराज, १७, ३६, ५४-६५, ६५, ६, ६६,
नेमादित्य, ८०. १०५, १२३.
नैषधीयचरित, ३६, १३७. ध्रुवराज, १८, १०५, १०६. धुवराज (प्रथम), ३६, ६६, ७२, १०१-१०३, नोलम्बकुल, ६२. १०५, १०६.
न्यायविनिश्चय, ३६. ध्रुवराज (द्वितीय), ८, १७,७१, १०३-१०६.
नन्दराज, ३, ४७. नन्दिवर्मा, ६५. नन्न, ५२, ६४, ६५. नन्न, ८६. नन्न, १०८, १०, ११५, ११६. नाम (गुणावलोक), ४८, ननराज, ४६, ४७. भयचन्द्रमरि, २८, १३४, १५.. नयन के लिदेवी, १२८, १२६. नयनपात, १२२.
पद्मगुप्त (परिमल), २६. पद्मलदेवी, १११. पनाकर, १३६. परवल, २०,४८, ६८. परबल, ६८. परमर्दिदेव, १३५. परमार, २६, ३१, ६०, ६५, १६, १२०,
१२४, १४५. पल्लीवाल ब्राह्मण, १४६, १५३, १५४. | पाइयलच्छी नाममाला, ६१. पार्श्वभ्युदय, ३६, ७३.
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