Book Title: Rashtrakuto (Rathodo) Ka Itihas
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archealogical Department Jodhpur

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Page 180
________________ पृष्ठ ६२ शुद्धिपत्र (II) पंक्ति अशुद्ध शुद्ध २२ ४३ .. ... १५ फुटनोट:- परन्तु कुछ लोग लटलूरपुर को दक्षिण का लाटूर मानते हैं। २१ वे सब .. ." उनमें से अधिकांश २२ पहले पहल .." फुटनोट:- सीहाजी के स्थान छोड़ने का कारण शायद शम्सुद्दीन अल्तमश का, जो उस समय बदायूं का शासक था, दबाव ही होगा। (कॉनॉलॉजी ऑफ इण्डिया, पृ. १७६) १८ ८ वीं .. ..' वीं १९ नवीं .. .. दसवीं १६ पूर्व में प्रवन्ति के राजा पूर्व में अवन्ति-राज का, पश्चिम वत्सराज का, और पश्चिम में में वत्सराज का, और सोरमंडल वराह (गुजरात) में वराह (जयवराह) १७ उत्तर .. .. पश्चिम ५ कंठिका... 'शासक .. युवराज १३ (कोइम्बटूर ) २५ फुटनोट (२) (२) ऐपिग्राफिया इण्डिका, भा• १८, पृ. २४३-२५१. २७ (अमुद्रित) १२ अमुद्रित ... १२ तीन .. चार २२ और तीसरा .. तीसरा श• सं. ७४३ (वि. सं. ८७८ = ई. सं. ८२१) का है। (ऐपिग्राफिया इण्डिका, भा• २१, पृ. १४०-१४६) और चौथा १६ ७३८ और ७४६ .. ७३८, ७४३ और ७४६ १. पड़िहार (प्रतिहार) .. परमार १५ प्रतिहार ... परमार २८ (जगङ्ग प्रथम) (जगतुङ्ग प्रथम) फुटनोट:- सौहाजी के स्थान छोड़ने का कारण शायद शम्सुद्दीन अल्तमश का, जो उस समय बदायूं का शासक था, दबाव ही होगा। (क्रॉनॉलॉजी ऑफ इगिडया, पृ. १७६) : :: :: :: xx १०. 4 ११६ . १ १४२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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