Book Title: Rashtrakuto (Rathodo) Ka Itihas
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archealogical Department Jodhpur

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Page 174
________________ वर्णानुक्रमणिका १६३ मुज, २६, ११६, १२०. रणकम्भ (रणस्तम्भ ), ६३. मुज, "०,११५. रणविग्रह ( शकरगण), ७८. मुरुजलजहब, ३९. रणावलोक, ६३, ६१, ६५. मूलराज, ८५, ११६, १२.. रगणादेवी, ४८, ६८. मेषचन्द्र, १३६, १४४. रत्नमालिका, ३४, ३५, ७४. मेरह, १०७, ११५, ११६. रम्भामंजरी नाटिका, ७, ४३, १३४, १५०. मेरु (महोदय-कन्नौज), १७,८०. रसिकप्रिया, २७. मेहतुङ्ग, १३६. राचमल्ल (प्रथम),८८,६७. मैललदेवी, १५.. राजचूडामणि, ६४. मौखरी, १७, ४४, १२२. | राजतरङ्गिणी, २०. राजराज, . राजवार्तिक, ३६, १६. यदु (वंश), ११, १२, ३१. राजशेखरसरि, १३७. यमुना, १२. राजादित्य (मूवडि चोल), ८४, ८६, १७. यशःपाल, २२, १२२. राज्यपाल, २०, ४६. यशस्तिलक चम्प, ३६, ८८. राज्यपालदेव १२६, १३१, १४४. यशोधरचरित, ३६, ८६. राट, ४. यशोवर्मा, १२२. राट, २०. यशोविग्रह, १३, १६, १६, १२३, १२४, राठ, ४. १४४, १४. राठउड (गठउर), ५. यायव ( यदुवंशी), १०, ११, २०, ३१, ३२, राठड, १. ७०, ८२, ६२, १४७, १६.. राटवड (राठवर ), ५. राठी, २. यादव, ३२. युद्धमल्ल, ८१. राठोड, ५, १२, १४, १८, २०, २१, ३२, युवराजदेव (प्रथम), ८३, ८६, ६०, ६७. ३४, १२१, १२२, १४६. राणा, ४१. युवराजदेव (द्वितीय), २८: रामचन्द्र, ६, ७, २९. रामचरित, ३१, १३१. रह, २-५, ८५, १०५, १०८, ११०, ११२, रामराय (रामसहाय ), १४२. रायपाल, १४. रखनारायण, १०६. राष्ट्रकूट, १-१२, १४.१८, २०.२२, २५, रसपाटी, ४३. २६, २९-३४, ३३-१, २,५६.११, रहराज, १०, ६३. ६१, ६४, ६५, ६८, ०२, ३, ६, ७८, रहराज्य, ४३. ८०,८३,६१-६४,६८-१०४,१०६.१.६, (ठडा,.. रठिक, (रट्रिकनष्ट्रिक), १, २, ६, ७. ११४, ११६, १८, १२१-१२३, १३१. ११४, १२३. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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