Book Title: Rasgangadhar
Author(s): Jagannath Pandit, Durgaprasad Pandit, Vasudev Laxman Shastri
Publisher: Pandurang Jawaji
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चिषयः
साहचर्यम्
विरोधिता
अर्थः
प्रकरणम्
लिङ्गम्
शब्दस्यान्यस्य संनिधिः
सामर्थ्यम्
औचित
देशः
कालः
व्यक्तिः
खरः
शब्दशक्तिमूलको ध्वनिः
तत्रालङ्कारध्वनिः तत्र वस्तुध्वनिः
अर्थशक्तिमूलको ध्वनिः
खतः संभविना वस्तुना वस्तु तत्रैव वस्तुनाऽलङ्कृतिः
तत्रैवालल्या वस्तु तत्रैवाल याऽलङ्कृतिः कविप्रौढोक्तिसिद्धे वस्तुना वस्तु
तत्रैवालङ्कत्या वस्तु_ तत्रैव वस्तुनाऽलङ्कृतिः तत्रैवालङ्कृत्याऽलङ्कृतिः उभयशक्तिमूलकः
अथ लक्षणामूलः तत्र जहत्स्वार्थामूलः तत्रैवाजहत्स्वार्थामूलः अभिधाशक्तिनिरूपणम् वाचकशब्द निरूपणम् लक्षणाशक्तिनिरूपणम् लाक्षणिकवाक्यानां शाब्दबोधनिरूपणम्
पृष्ठम् विषयः
११९
१२० | उपमालक्षणम्
१२१ उपमामेदाः प्राचां दृशा स्वमतेनाक्षेपः प्राचां नये
,"
” पुनः प्रकारान्तरेण विभागः
१२३ | सादृश्यस्य पदार्थान्तरत्वे बोधः
१२४ | उपमादोषाः
उपमेयोपमा
अनन्वयः
32
""
१२५ | असमः
4
” | उदाहरणम्
,, स्मरणम्
रूपकम् १२६ | परिणामः
१३० | ससन्देहः
अलंकारनिरूपणम्
१३१ | उल्लेखः १३३ | अपह्नुतिः १३५ उत्प्रेक्षा
१३६ अतिशयोक्तिः
""
भ्रान्तिमान्
१३६ | तुल्ययोगिता
१३७ | दीपकम्
१३७ | प्रतिवस्तूपमा
१३८ | दृष्टान्तः
निदर्शना
व्यतिरेकः
१३९ | सहोक्तिः
१४०
विनोक्तिः
१४३
१४५
" समासोक्तिः
परिकरः
श्लेषः
१४६ अप्रस्तुतप्रशंसा
पृष्ठम्
१५७
१६३
१६९.
१७२
१८६
१९१
१९६
२०३
२१०
२१३
२१६
२२४
૨૪૮
२५६
२६६
२७०
२७८
२८५
३०७
३१७
३२२
३२९
३३७
३३९
३४६
३५७
૩૬૪
३६७
३८६
३९०
४०२

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