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श्रेष्ठ
स्थूलभद्रकः मणिरत्ना
देवेन्द्रसूरिजी
आदिसे अन्त
श्रष्ठ
१५९
स्थूलभद्रकः
१६०
मणिरत्ना १६२
देवेन्द्ररिजी
१६३
अन्त
१६४
मैं
कीर्ति
विक्रीडित
चार्यश्री
पदवी
त्रिस्तुतिप्रभाकर और प्रश्नोत्तरमालिका पृष्ठ १३१ पंक्ति १
में एवं पृष्ठ १६५ पंक्ति २० में भी हैं, इन ग्रन्थों के कर्त्ता दोनों गुरुवर्य हैं वास्ते उभय स्थान पर लिखे हैं ।
१६८
म
कीर्ति
विक्रिडित
चायश्र
पदवो
9"
१७३
99
१
१
५
१६
१७५
१
११
३
१६
१९