Book Title: Pujapankaj Bhaskar
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 生体处本来本来没进来半米本书采光未老老老老老 धिष्ठानेकामबीजंराकिनीमसिंस्थितम् विचिन्त्यविधिवदेविमूलाधारान्तिकांशिवे विशुद्धान्तंस्मरेदेविबिसतन्तुतनीयसीम् वेदिस्थानहिजिव्हान्तम्मूलमन्त्रास्तम्म हुरिति तत्रमन्त्रशिखा मूलाधारादिचकेषुसप्तधासप्तसुक्रमात् नियोजनकुण्डलि न्याज्ञेयामन्त्रशिखाशिवे इतियामलोक्ता कुल्लुकातुरुद्रयामले तारायाःकुल्लुकादे विमहानीलसरस्वती सायथा हींस्त्रीहूँ पञ्चाक्षरीकालिकायाः कुल्लुकापरिकथ्यते / कालीकूर्चवधूर्मायाफडन्तापरमेश्वरि यथाक्रीस्त्रींहींहूँफट् श्रीमत्रिपुरसुन्दUःकु / लुकाद्वादशाक्षरी वाग्भवम्प्रथमम्बीजङ्कामबीजमनन्तरं लज्जाबीजन्ततःपश्चात्रिपु ***************** ********* For Private and Personal Use Only

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