Book Title: Pravachansara ka Sar
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 1
________________ ५ हजार प्रवचनसार का सार प्रथम संस्करण : (२२ अप्रैल, २००५) महावीर जयन्ती जैनपथप्रदर्शक के रूप में : योग : (प्रवचनसार के सार विषय पर डॉ. भारिल्ल के २५ प्रवचनों का संकलन) ३ हजार ३०० ८ हजार ३०० मूल्य : तीस रुपयेव प्रवक्ता एवं संपादक डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल शास्त्री, न्यायतीर्थ, साहित्यरत्न, एम.ए., पी-एच.डी. संकलनकर्ता ब्र. यशपाल जैन एम.ए. टाइपसैटिंग : त्रिमूर्ति कम्प्यूटर्स ए-४, बापूनगर, जयपुर-१५ ध्यान दें... अभिनन्दन ग्रंथ के रूप में प्रकाशित 'तत्त्ववेत्ता : डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल' ग्रन्थ द्वितीय संस्करण भी छप कर तैयार है, जिसकी मुद्रित कीमत १५० रुपये है। वह अभी १०० रुपये मूल्य पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। राजस्थान विश्वविद्यालय के एम.ए. के छात्र अरुण कुमार जैन, बड़ामलहरा द्वारा लिखित लघु शोध प्रबंध 'डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल और उनका कथा साहित्य' मूल्य १० रुपये उपलब्ध है। डॉ.महावीरजैन, उदयपुर का शोध प्रबंध 'डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल : व्यक्तित्व और कर्तृत्व' भी ३० रुपये में उपलब्ध है। प्रकाशक पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५ फोन : २७०७४५८, २७०५५८१ मुद्रक: प्रिन्ट 'ओ' लैण्ड बाईस गोदाम, जयपुर


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