Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh Author(s): Nemichandrasuri Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund View full book textPage 7
________________ S दिगम्बरखण्डन - ५ अध्यात्ममतप- (हीरसूरि विजयसेनरीक्षा (पृथग् बिजयदेव०विजयसिंहमूलम्) काले (कल्याण. लाभ. जीत. नयविजयशिष्यः) श्रीयशोविजयमहोपाध्यायः नि.सा.प्रे. 1) गाथा १८४ प.११४ मुंबई प्र. ५०० ११११ ६ षोडशकं (पृथक्-मूल) श्रीहरिभद्रसूरिः यशोभद्रः श्रीयशो विजयमहोपाध्यायश्च नि.सा.प्रे. 1 मुंबई १९११ धर्मपरीक्षा वगेरे CONOTESCARROCESSES मू. २५. प. १०६ प्र. ५०० ७ कल्पसूत्रवृत्तिः भद्रबाहुसुबोधिका आचार्या I RISIREASAIRASARA*** जैनप्रेस सुरत. १९११ ) मू.१२१६ प.६०० प्र. ५०० Tibt जिनचरित्र, स्थविरावली, सामाचारी विनयविजयउपाध्यायः (हीरसूरि, विजयसेन, विजय. तिलक, विजयानन्दकाले) ८ वन्दाल्वृत्तिः गणधरः (श्रावकानुष्ठानविधिः) श्रावक के छ आवश्यक श्रीदेवेन्द्रसूरि (तपा० श्रीजगचन्द्र शिष्यः) नि.सा.प्रे. मुंबई १९१२ टी.२७२० प. ९६ प्र. ५०० Jan Education For Private Personel Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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