Book Title: Pravachan Pariksha Part 01
Author(s): Dharmsagar,
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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श्रीप्रव. चनपरीक्षा ॥१२॥
साक्षिविशेपनामानि
लघुकर्णः २७२
,, भीमदेवः २७२ लुम्पाकः ५, ४३९, ४६० लेपः २१८
MAHINimadh JamNAIIMAHARIHARINNARUMPittsRIEND
urta
मरूकोटः २३३
मृगावती ८४ मरूदेवी ८४
मेघकुमारः ३०९ मलयगिरिः १४, ३०४
मेघजी ६१, ३०० मलधारीहेमचंद्रसूरिः ४५२ मेडपाटदेशः २३६ महावीरः १,६४, ८५, २९६, ३०५, मंखलीपुत्रः ८४, २९६, ३०० ३१८, ३४८
योगराजः २७१ महेन्द्रसूरिः ४३६, ४३७
योधपुरः ३०० माईडग्रामः २३४ मानदेवः २३६
रत्नादित्यः २७१ मारूदेवः १२७
रत्नशेखरसूरिः २८७, २८८, ३१४ मुनिचंद्रसूरिः४,१३,१८७,११९,१२० स्थवीरनगरं ६६ मुनिसुंदरसूरिः ३१५, ३१६, ३१८, | रामदेवः ३०४ ३२४, ३२५
रुद्रपल्लः ३१२, ३०६, २५८ मूलराजः २७२
रुद्रप्रभाचार्यः ३२१
वज्रसेन: ३०१ वज्रस्वामी १४७, २९९, ३०८,३०९ बटगच्छः ११९ | वनराजः २७१ वर्धमानसूरिः २४९, ५१, ५२, ६१,
६२,८२, ८३,८४, ८६, ८७, ९०,९१,९४,९७, ३०१,३०७,३०९,४५०
।। १२ ।।
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