Book Title: Pravachan Pariksha Part 01
Author(s): Dharmsagar,
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
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श्रीप्रव. चनपरीक्षा ॥११॥
साक्षिविशेपनामानि
धर्मदेवोपाध्यायः २४५ धर्मघोषः १३, १४, २९४
, रिः २९३, ४२ धर्मसागरः ६२
नरसिंहः २५७, २६८, ४२९, ३०,
३१,४४१ नागपुरः २३८ नागहस्ती ३०२ नाढा ४३०, ४३१ - नाभसरिः १२२, १३६, १६६ नाभेयः १२७ . नीलादेवी २७२ नुपूरपण्डिता २३३
नेमिचंद्रः २८५ नर्मदासुंदरी १२८
बहुदेवश्रेष्ठी २३८
बालमूलराजः २७२ पत्तनं २९१
बुद्धिसागरः २८२ पनचंद्रसूरिः३०७ पद्मप्रभसूरिः २९१, २९२
भद्रबाहुस्वामी ३०२,३०८,३१५,२२८ पद्मावती १२०
भरतः ८४, ३४७ पल्हकः २३६
भाणकः ५ पादलिप्तसूरिः १२२, १३५
भाष्यकारः १२,७९, ३६५,३५२ पार्श्वनाथः ६०
भीमः २७२ पाशचंद्रः २५८, ३००
भूयडराजः २७१ प्रभाचंद्रसूरिः २०२ प्रसनचंद्राचार्यः २३५,३८,३९,२५१, | मडाहडगच्छः ३०१
५२, ३०१ | मरीचिः ३४७, ३४८
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