Book Title: Pratigyasutra
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra wwwcbth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandie kkkkkkkkkkkkkkkkk** गोतमः // चतुर्कचत्रैष्टुभर्छन्सौम्यमष्टोव्यख्यच्चतुर्ऋचंवैष्टुभन्सा वित्रमांगिरसोहिरण्यस्तूपो द्वितीयाजगत्युभापिबतुमाश्विनंतृचमु भापिबतं प्रस्कण्वोगायत्रीमनस्वतीमश्विनात्रिष्टुभौ कुत्सआरात्रि पथ्याबृहतीठ रात्रिदेवत्यांकशिपाभरद्वाजदुहितो पस्तदुषस्यांपरो / ष्णिहंगोतमः प्रातरनिंवसिष्ठःसप्तर्चमाद्याजगतीबहुदेवत्यापंचभग | देवत्याविष्टोत्योपस्याःरपूषन्तवसुहोवः।पथस्पथःपरिपतिमृजि / श्वतेपौष्ठ्यौगायत्रीविष्ट भौत्रीणिपदावैष्णव्योगायथ्यौ मेधातिथि For Private and Personal Use Only

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