Book Title: Pratigyasutra
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailasagarsuri Gyanmandir HOMMONOMOMDMOMEN**MORMONOMX**MEMMMEMORRHOMMONOMOREMOK नोवहवपांजातवेदसीत्रिष्टुपस्योतापृथिवीमेधातिथिः पार्थिवींगाय बीमस्मात्त्वमानेयोगायन्यनिरुक्ता // 4 // ऋचंवाचंपंचाध्यायीं। // दध्याथर्वणोददर्शाग्निकाश्वमेधिकवर्जमाद्योध्यायः // शांत्य र्थोवैश्वदेवश्राद्यानियजूठेषियन्मेबार्हस्पत्यापंक्तिःकयात्वमैंद्रयनि / रुक्तागायत्रींदोविश्वस्यविराद्विपदाशन्नोद्वे अनुष्टुभावहानिद्विपदा / गायत्रीशन्नइन्द्राग्नीत्रिष्टुब्गायत्र्यावंत्याशी?ः शांतिर्यजूठषिनम / स्तेअस्त्वनुष्टुभौतच्चक्षुःपुरउष्णिक्सौरी॥५॥ आददेनारिरस्यन्निदै / भावहानिद्विपदा स्लअस्त्वनुष्टुभौतापायच्यावत्याशी For Private and Personal Use Only

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