Book Title: Prashnottar Prakash Part 02
Author(s): Sagarchandraji Maharaj
Publisher: Gokaldas Mangaldas
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यसिंहसभाशृंगारहार- वादिदिगम्बरकुमुदचन्द्राचार्येभजयेशार्दूलसिंहलब्धप्रतिष्ठ- श्रीवादिदेवसूरिपुरन्दर - अविच्छिन्नपट्ट परंपरानुगत - श्रीमन्नागपुरीय वृहत्तपागच्छाधिराज युगप्रधान - क्रियाद्वारकारक- श्रीजिनागममार्गप्रकाशक- परमपूज्यश्रीश्री श्रीपार्श्वचन्द्रसूरीश्वरजी - संतानीय- सूरिचक्रचक्रवर्ति-पूज्यपाद - जगत्श्रेष्ठिगुरु- प्रातः स्मरणीय - श्रीहर्षचन्द्रसूरिपुरंदर-चरणानुचरचारित्रचूडामणी संवेगरंगतरंगितात्मा शांतमूर्ति मुनिमहाराज श्रीकुशलचंद्रजी सतीर्थ्य-गुरुभ्राता पंडितप्रवर - सुगृहीतनामधेयपरमोपकारि- महर्षि - श्रीमुक्तिचन्द्रगणिना पादपद्मोपसेवी सुशि
अने सद्धर्मरक्षक - जैनाचार्यप्रवर - श्रीहेमचन्द्रसूरीश्वरजीना अद्वितीयपट्टप्रभावक - शासनप्रभाकर - सुविहितशिरोमणि सकलागमरहस्यवेदी - पंचप्रस्थानाराधक - पंचाचारप्रवर्तक - प्रशमरसपयोनिधि युगप्रवराचार्यवर्य श्री भ्रातृचंद्रसूरीश्वरजी महाराजाना शिष्य मुनिसागरचन्द्रे तत्वगवेषी जिनाज्ञाना पिपासु भन्यात्माओना हितना माटे आ प्रश्नोत्तरप्रकाश-ग्रंथनो द्वितीय भाग खंभातनगरमां लख्यो, विक्रमसंवत् १९८८ ना वैशाख शुदी त्रीज. करकृतमपराधं क्षन्तुमर्हन्ति धीराः || श्री शान्तिः ॥
॥ ઇતિ પ્રશ્નોત્તરપ્રકાશદ્વિતીય ભાગઃ ।
DIOC
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