Book Title: Prashna Vyakaran Sutra
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyanpith

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Page 919
________________ ८७२ श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र गरुल ३४० ४६८ नगररक्षक विज्जु १५७ खंडरक्ख चारिय चारभड चाटुयार परियारग नगरगोत्तिय १५७ १५७ १५७ जलण दीव उदहि दिसि पवण थणिय ॥ ॥ ॥ व्यन्तर वेव ३४०, ४६८ ४०७ ४०७ विशिष्ट नारियाँ अहिन्नया ४०७ कंचणां ४०७ किन्नरी ४०७ तारा देवकी ३५६ दोवई पउमावई ४०७ पूतना ३६० महासउणी ३६० रोहिणी ३५६ रोहणी ४०७ रत्ता ४०७ रुप्पिणी विज्जुमती सुवण्णगुलिया सुभद्दा सीया ४०७ अणवंनि पणवंनि इसिवादिय भूयवादिय कंदिय महाकंदिय कूहंड पयंगदेव पिसाय भूय जक्ख रक्खस .......... ४०७ किनर किंपुरिस ४०७ ४०७ महोरग गंधव्व ४०७ । ज्योतिष्कदेव भवनपतिदेव ४६८ ३४०,४६८ असुर भुयग

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