Book Title: Prashna Vyakaran Sutra
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyanpith
View full book text
________________
परिशिष्ट २
२८५
३४
गय
गयवती
३०१
जोह
२४५
२७२
.
.
निक्कोडण . दामक बज्झपट्ट भूमिघरनिरोह रज्जुनिगल लोहपंजर लोहसंकल वरत्त वालरज्जुय विहम्मण संपुडकवाड संकल
तुरगवती नरवती ,
२४५
रहवती
३४१ २४५
हय
४०
हडि
ध्वजा
हत्थंदुय
२७२,८२४ २७२,८२४
झय
पडाग वेजयंती -
५२१
४१
माला
गंठिम पूरिम
वेढिम
.. आक्रोश, रुदन आवि शब्द अक्कोस अवमाणण उक्कूजिय कंदिय कलुणविलविय खिसण तासण . तज्जण दित्तवयण निग्घुटवयण निभंछण फरुस रडिय
संघातिम
जलाशय
कूव
४४ ४६८
८२२
गुजालिय तलाग
.
६७,८२२,४६८ ।
दह
.
रसिय
दीहिय दगमंडव
४६८,८२२
८२३
Page Navigation
1 ... 930 931 932 933 934 935 936 937 938 939 940