Book Title: Prashna Vyakaran Sutra
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyanpith
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परिशिष्ट २
८८७
GE
.
करक कुक्कुडय. कवोतक, कपिजलक कादंबक कीर कुलीकोस.. कोंच कविल काग कारंडग काओदर कोणालग कोरंग
४२,१५६
४३
४३
चक्कवाक ४३,१६० चड़ग ४३,१५६ ... चउरग ४३,१५६ ... चीरल्ल , ४३.. चमट्ठिल
चास छगल छारल .
जाहग ४३.८७
जीवजीव
झस ४२
ढिंक ढेणियालग णउल
णक्क ४२,८०५
तिमि - ४२. तिमिंगल
तित्तिर
तरच्छ ४२
दीविय ४२,१६० दगड ४२,१५६
दब्भपुप्फ ४४५
दिलिवेढय ४४५,१५६,१६०,७८० दव्वीकर १६०,४२
धत्तरिट्ठ २६६ नन्दीमुह ४२,१५६ नन्दमाणग ४२,१५६ पाठीण
.
कुलल
खग्गी खाडहिल्ल
खुज्जए
१५६ .
.
४२ ४३,१५६
४२ ४३,४२,८७
..
४२
खर गाह गोण गय
८०५
.
गवेलग गवय गोकन्न गोधा गोणस
पवक
गरुल घिरोलिया चमर
पुलक
४२
४२,१५६
चिरलल ...
पसय पिंगुल
.
.
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