Book Title: Pramey Ratnamala
Author(s): Anantvirya Shrimad
Publisher: Jain Sahitya Prasarak Karyalay

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Page 92
________________ DUaeo खतम धातुरूपावलि 3) काव्य, चम्पू और अलंकार / मध्यसिद्धांतकौमुदी-वरदराज अलंकारचिंतामणि लघुसिद्धांतकौमुदी | काव्यानुशासनशब्दरूपावलि काव्यानुशासन-सटीक शब्दार्णवचन्द्रिका गद्यचिंतामणि ससासचक्र // चन्द्रप्रभचरित मूल 1), भाषा 11) सारस्वत-मूल--पूर्वाधब), सजि०॥) जयकुमार-सुलोचना सारस्वत-चन्द्रकीर्तिटीका-पू.१॥)उ.११) जयन्त-विजय सारस्वत-तीनोंवृत्ति 1 // ), सजि० 1) तिलकमंजरी 2 // सिद्धांतकौमुदी भट्टोजी दीक्षित 3) धर्मशर्माम्युदय सिद्धांतकौमुदी-तत्वबोधनी टीका 6) नेमिनिर्वणि संस्कृत प्रवेशिनी-द्वि० भाग प्रभावकचरित 1 // ) 2 कोष। पाश्र्याभ्युदय अमरकोष-मूल / / ), शब्दानुक्रमणिका यशस्तिलक चम्पू-पू० ३॥),उ० 2 // ) सहित 112), सटीक 10), सार्थ 3). वाग्भट्टालंकार-सटीक // ), सार्थ 1) धनंजय-नाममाला-सार्थ ) हितोपदेश-मूल // ), सार्थ 1 // ), 2) पद्मचन्द्रकोष | क्षत्रचूड़ामाणि-सार्थ 1 // ), सजि० 1) बृइदजैनशब्दार्णव-प्र० खंड 3) क्षत्रचूड़ामणि-जीवंधरचम्पूसंयुक्त 2) विश्वलोचनकोष-सार्थ _10) हीरसौभाग्य -5 // ) सब जगहके छपे सब प्रकारके जैन-ग्रंथोंके मिलने का पता: बिहारीलाल कठनेरा जैन, मालिक-जैनसाहित्यप्रसारक कार्यालय, हीराबाग, पोष्ट गिरगांव, बम्बई / III) प्रकाशक-बिहारीलाल कठनेरा जैन, मालिक-जैनसाहित्य प्रसारक कार्यालय, होराबाग, पोष्ट गिरगांव, बम्बई। मुद्रक-दि. सी. साखळकर, लोकसेवकप्रेस, खटाव भुवन, गिरगांव, मुंबई नं. 4 //

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