Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad

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Page 13
________________ ___ जैनसूत्रोमा केटलेक ठेकाणे अर्धमागधीने भाषा तरीके जणावी छे अने साथे एम पण कहेवामां आव्यु छ के, ' भगवान् महावीर अर्धमागधी भाषामां उपदेश करता हता.' अर्धमागधीने लगता जैनसूत्रोना उल्लेखो आ प्रमाणे छः " भगवं च णं " भगवान् अर्धमागधीभाषाअद्धमागहीए भासाए द्वारा धर्मने कहे छे." धम्ममाइक्खइ" (समवाय-अंगसूत्र पृ० ६० समिति) प्र.-" देवा णं भंते कयराए “हे भगवन् । देवो कइ भासाए भासंति ? भाषामां बोले छे ? कयरा वा भासा अथवा बोलाती भाषामां भासिज्जमाणी . कइ भाषा विशिष्ट छे ? विसिस्सति ? उ.---गोयमा ! देवा णं अद्ध- हे गौतम ! देवो अर्ध मागहाए भासाए भासंति, मागधीभाषामां बोले छे सा विय णं अद्धमागही अने बोलाती भाषामां भासा भासिज्जमाण पण ते ज भाषा-अर्धविसिस्सइ" मागधीभाषा-विशिष्ट छे." ( भगवती--अंगसूत्र श० ५ उ० ४ पृ० १८१ प्रश्न२० राय० अने समिति पृ० २३१ सू० १९१)

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